Dev Diwali 2023 : हर साल की तरह इस साल भी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में देव दिवाली धूमधाम से मनाई जा रही है. इस बार देव दिवाली पर राज्य सरकार ने खास इंतजाम किए हैं. घाटों पर 12 लाख दीपक जलाए जा रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से एक लाख दीये गाय के गोबर से बने हैं. साथ ही शहरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. पूरे शहर में लाइटिंग और घाटों को सजाया गया है. इस बार अनुमान है कि 8 से 10 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद है.
सीएम योगी ने जलाए दीप
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के राजनयिकों ने देव दीपावली उत्सव के अवसर पर दीए जलाए. आपको बता दें कि इस खास मौके पर 70 से ज्यादा देशों के राजदूत और राजनयिक बनारस पहुंचे हैं. इस पूरे कार्यक्रम की निगरानी विदेश मंत्रालय द्वारा की जा रही है. इन सभी मेहमानों ने घाटों पर आकर दीप जलाए और मां गंगा की भव्य आरती देखी.
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क्यों देव दीपावली मनाया जाता है?
देव दीपावली एक हिन्दू पर्व है जो कार्तिक मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो कि हिन्दी पंचांग में अक्टूबर और नवम्बर के बीच होता है. यह पर्व काशी, भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है, जहां देवी गंगा का आराधना किया जाता है. इस पर्व का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी की पूजा करना है, जिसे गंगा स्नान के साथ मनाया जाता है. इसे भगवान शिव और गंगा माता के मिलन की स्मृति में मनाया जाता है. देव दीपावली के दिन अनेक दीपों को जलाकर मां गंगा की आरती की जाती है और समर्पित भक्तों के बीच धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसे देव दीपोत्सव भी कहा जाता है जिसका अर्थ है "देवताओं के साथ दीपों का त्योहार".
इस पर्व का क्या है महत्व?
गंगा स्नान और पवित्रता: देव दीपावली के दिन भक्तजन गंगा स्नान करते हैं, जिसे वे अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने का एक अद्वितीय अवसर मानते हैं. गंगा को मां मानकर उसकी पवित्रता में विश्वास करना हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण है.
देवी गंगा की पूजा: देव दीपावली पर भक्तजन देवी गंगा की पूजा करते हैं और उन्हें अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक मानते हैं. इस दिन गंगा आरती का आयोजन किया जाता है जिसमें दीपों की रौशनी और धूप की सुगंध के साथ गंगा माता की पूजा की जाती है.
धार्मिक सत्संग: देव दीपावली के दिन भक्तजन धार्मिक सत्संग और कथा-कीर्तन का आनंद लेते हैं. इस अवसर पर धार्मिक ग्रंथों के पाठ और सत्संग के माध्यम से ज्ञान और भक्ति का विकास होता है.
आराधना और आचरण: देव दीपावली के दिन भक्तजन देवी गंगा की आराधना में लगे रहते हैं और विशेष रूप से गंगा घाटों पर समर्पित धार्मिक आचरण करते हैं.
मोक्ष प्राप्ति का अवसर: गंगा स्नान के माध्यम से भक्तजन अपने पापों से मुक्त होने का अवसर प्राप्त करते हैं और मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं.
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Source : News Nation Bureau