कोयले की कमी से गहराया बिजली संकट, 3 राज्यों के 20 थर्मल पावर स्टेशन बंद

Coal Crisis: बिजली संयंत्रों को प्रतिदिन औसतन 18.5 लाख टन कोयले की जरूरत होती है. दैनिक कोयला आपूर्ति करीब 17.5 लाख टन की है.

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Kuldeep Singh
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कोयले की कमी से गहराया बिजली संकट, 20 थर्मल पावर स्टेशन बंद( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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देश में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में 20 थर्मल पावर स्टेशन बंद हो चुके हैं. इनमें 3 पंजाब में, चार केरल में और महाराष्ट्र के 13 थर्मल पावर स्टेशन पर काम ठप है. वहीं संभावित बिजली संकट (Power Crisis) को देखते हुए कर्नाटक और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से अपने राज्यों में कोयले की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया है. केरल सरकार ने भी चेतावनी दी है कि उन्हें लोड-शेडिंग का सहारा लेना पड़ सकता है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है. बिजली मंत्रालय ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) द्वारा कोयले की कुल आपूर्ति 15.01 लाख टन प्रतिदिन तक पहुंच गई. इस कारण खपत और वास्तविक आपूर्ति के बीच अंतर कम हो गया. कोयला मंत्रालय और सीआईएल ने आश्वासन दिया है कि वे अगले तीन दिन में बिजली क्षेत्र में कोयले की को बढ़ाकर 16 लाख टन प्रतिदिन करने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं और उसके बाद इसे बढ़ाकर 17 लाख टन प्रतिदिन किया जाएगा.

बिजली संकट पर क्या कहते हैं आंकड़े
बिजली मंत्रालय (Ministry of Power) के आंकड़ों के मुताबिक बिजली की खपत शनिवार को लगभग दो प्रतिशत या 7.2 करोड़ यूनिट घटकर 382.8 करोड़ यूनिट हो गई, जो शुक्रवार को 390 करोड़ यूनिट थी. इसके चलते कोयले की कमी के बीच देशभर में बिजली की आपूर्ति में सुधार हुआ. आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार, आठ अक्टूबर को बिजली की खपत 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी. बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई थी. सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, देश थर्मल प्लांटों में कोयले के भंडार की अभूतपूर्व कमी का सामना कर रहा है, जिससे बिजली संकट पैदा हो सकता है. 5 अक्टूबर को बिजली उत्पादन के लिए कोयले का उपयोग करने वाले 135 ताप संयंत्रों में से 106 क्रिटिकल या सुपरक्रिटिकल चरण में थे. यानी उनके पास अगले 6-7 दिनों के लिए ही स्टॉक था.

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पावर प्लांट के पास बचा कितना कोयला?
बिजली संयंत्रों के पास करीब 72 लाख टन का कोयला भंडार है, जो चार दिन के लिए पर्याप्त है. कोल इंडिया के पास 400 लाख टन का भंडार है जिसकी आपूर्ति बिजली संयंत्रों को की जा रही है. देश में कोयला आधारित बिजली उत्पादन इस साल सितंबर तक 24 प्रतिशत बढ़ा है. बिजली संयंत्रों को आपूर्ति बेहतर रहने की वजह से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. बिजली संयंत्रों को प्रतिदिन औसतन 18.5 लाख टन कोयले की जरूरत होती है. दैनिक कोयला आपूर्ति करीब 17.5 लाख टन की है.  

Source : News Nation Bureau

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