राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पंजाब समेत देश के कई राज्यों में कोयले की कमी से जारी बिजली संकट इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. यही नहीं कोयला और बिजली संकट को लेकर राजनीतिक दलों के बीच एक बहस भी छिड़ गई है. इस बीच केंद्रीय कोयला मिनिस्टर प्रहलाद जोशी ने कहा कि हमनें कोयले की सप्लाई जारी रखी हुई है. हम राज्यों से अपील करते हैं कि वो अपने यहां स्टॉक की क्षमता को बढ़ा लें. जिससे वहां पर कोयले की किल्लत नहीं रहेगी. कोयला मंत्री ने कहा कि कल यानी सोमवार को हमनें 1.94 मिलियन टन कोयला सप्लाई किया था. जहां तक राज्यों का सवाल है, इस साल जुून तक हमनें राज्यों से कोयला स्टॉक बढ़़ाने का अनुरोध किया था. उनमें से कुछ ने आगे कहा कि "कृपया एक उपकार करें, अब कोयला न भेजें"
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We have continued our supply, even continued in the past despite dues. We are requesting them (states) to increase stock...There won't be a coal shortage: Union Coal Minister Pralhad Joshi pic.twitter.com/94HPdWW391
— ANI (@ANI) October 12, 2021
कोयला मंत्री ने कहा कि बारिश की वजह से कोयले की कमी देखने को मिली थी. जिसकी वजह से कोयले का दाम 60 रुपए प्रति टन से 190 रुपए प्रति टन तक बढ़ गए. इसकी का परिणाम है कि कुछ कोयला पॉवर प्लांटर 15—20 दिनों से बंद भी हो गए या फिर उनकी उत्पादन क्षमता बहुत कम रह गई है. यही वजह है कि घरेलु कोयला सप्लाई को दबाव झेलना पड़ रहा है. आपको बता दें कि देश मे आज बिजली संकट बड़ी समस्या बनती जा रही है ये ऐसे समय में है जब सभी त्योहार बिल्कुल करीब है देश के 135 पावर प्लांट पर 4 से 10 दिन का कोयला बचा है ऐसे में कोयला प्लांट पर समय से पहुंवः सके इसके लिए रेलवे मंत्रालय ने भी कमर कस ली है
Yesterday we supplied 1.94 million tons, the highest ever supply of domestic coal... As far as states are concerned, this year till June we requested them to increase stock, some of them went on to say that "please do a favour, don't send coal now": Coal Minister Pralhad Joshi pic.twitter.com/axBdRzqJRV
— ANI (@ANI) October 12, 2021
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तमाम कोयला वैगन से भरी कोयला वाहक ट्रेनों को प्राथमिकता से स्टेशनों से पास दिय्या जा रहा है. सभी रेलवे स्टेशन को कोयला वाहक ट्रेनों को तेज मूवमेंट के लिए बाकायदा आदेश जारी कर दिए गए हैं. जानकार की माने तो प्रति घंटे एक मेगावाट बिजली उत्पादन में करीब .75 टन कोयले की आवश्यकता होती है, जबकि बेहतर क्वालिटी का कोयला हो तो करीब .60 टन कोयले की ज़रूरत पड़ती है. रेलवे इस समय 24 घंटे लगातार कोयला सप्लाई में जुट गया है. रेलवे कोयला वाहक ट्रेनों के फेरों की संख्या भी बढ़ाई गई है.
Source : News Nation Bureau