दिल्ली विधानसभा चुनावों में लगातार दूसरी बार एक भी सीट न लाने के बाद कांग्रेस में अंदरुनी कलह शुरू हो गई. नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू कर दिए. इस बीच वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए नेताओं के अहंकार और महत्वाकांक्षाओं को एक साथ खत्म करना वक्त की मांग है. राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि पार्टी को सुरंग के आखिर में रोशनी देखने से पहले लंबा सफर तय करना है.
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उन्होंने सुझाव दिया कि सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को एक उम्र के बाद युवा नेताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए न कि उनकी राह में कांटे पैदा करने चाहिए. एनआरसी-सीएए-एनपीआर के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के मुद्दे पर रमेश ने कहा कि राजनीतिक दलों को इन प्रदर्शनों से एक हाथ की दूरी बनाए रखनी चाहिए और जन आंदोलनों को जबरन अपना बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, हम सभी इस दिशा में काम कर रहे हैं. किसी एक के हाथ में जादू नहीं होता. यह सामूहिक प्रयास है.
वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को कहा कि पार्टी को कांग्रेस के 'डांवाडोल' होने संबंधी धारणा को लोगों के मन से दूर करने पर ध्यान देना चाहिए. इसके लिए पार्टी को अपने नेतृत्व का मुद्दा शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर हल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक अध्यक्ष को लेकर अनिश्चितता का समाधान करना पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए महत्वपूर्ण है.