कमर्शियल कोल माइनिंग: सरकार के फैसले के खिलाफ दायर झारखंड सरकार की अर्जी पर सुनवाई एक हफ्ते के लिए टली

केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुवार को निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल माइनिंग की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की है. सोरेन सरकार का कहना है कि केंद्र ने बिना सूबे की सरकार को विश्वास में लिए जल्दबाजी में फैसला लिया है.

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Dhirendra Kumar
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Supreme Court( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी (Commercial Coal Mining) के केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के फैसले के खिलाफ दायर झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की अर्जी पर सुनवाई एक हफ्ते के लिए टल गई है. राज्य सरकार ने नीलामी में राज्य सरकार को विश्वास में लेने की जरूरत बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है. दरअसल, केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुवार को निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल माइनिंग की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की है.

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सोरेन सरकार का कहना है कि केंद्र ने बिना सूबे की सरकार को विश्वास में लिए जल्दबाजी में फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के चलते खदानों का उचित मूल्य नहीं मिलेगा. वही इन खदानों के व्यावसायिक खनन से आदिवासियों की जिंदगी भी प्रभावित होगी.

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कोयला ब्लॉक नीलामी की शुरुआत अच्छी, तकनीकी सत्र में 1,140 संस्थाएं शामिल: जोशी
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत बहुत अच्छी रही है और घरेलू कोयला इतिहास में इसे लेकर प्रतिक्रिया सबसे अच्छी रही है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों सहित कुल 1,140 संस्थाओं ने ब्लॉकों की बिक्री शुरू होने के बाद तकनीकी सत्र में भाग लिया, और 26 कंपनियों ने निविदा दस्तावेज खरीदे हैं और देशी-विदेशी मिलाकर 10 कंपनियों ने मौके पर जाने की इच्छा जताई है. मंत्री का यह बयान झारखंड सरकार की आशंकाओं के मद्देनजर महत्त्वपूर्ण है, जिसमें अंदेशा जताया गया था कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वाणिज्यिक कोयला खनन की नीलामी के लिए निवेशक नहीं आएंगे. जोशी ने कहा कि हमने 18 जून को वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत की.

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प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आशीर्वाद दिया है और उसके बाद एक तकनीकी बातचीत सत्र हुआ। केवल इच्छुक लोग वहां आए. तकनीकी सत्र में 1,140 लोग शामिल हुए. इनमें 50-60 से अधिक लोग अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के थे. उन्होंने बताया कि नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के आठ दिनों के भीतर 329 पंजीकरण हुए और 26 निविदा दस्तावेज बेचे गए. प्रत्येक निविदा दस्तावेज की कीमत पांच लाख रुपये है. उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों सहित लगभग 10 संस्थाओं ने कोयला ब्लाक क्षेत्रों का दौरा करने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि भारत के कोयला इतिहास में एक सप्ताह के भीतर यह सबसे अच्छी प्रतिक्रिया है और पूरा विश्वास है कि आने वाले 20-30 दिनों में इसमें और सुधार होगा. (इनपुट भाषा)

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