सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम तेज कर दिया गया है. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नींव की ईंट रखे जाने के बाद से मंदिर निर्माण के काम में तेजी आई है. मंदिर बनाने का काम लार्सन ऐंड टूब्रो कंपनी को दिया गया है. इसके साथ टाटा कंसल्टेंसी सलाहकार के रूप में काम करेगी. उन्होंने स्पष्ट किया है कि राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी लार्सन एंड टूब्रो को दी गयी है. सलाहकार के रूप में टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स को अनुबंधित किया गया है. संपूर्ण मंदिर पत्थर का होगा और इसमें तीन मंजिल होंगी.
कमेटी आज सौंपेगी रिपोर्ट
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इस बैठक में अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लिए नींव डिजाइन की समीक्षा और सिफारिशों के लिए संबंधित क्षेत्र के इंजीनियरों की एक उप समिति का गठन किया गया. राम मंदिर निर्माण को लेकर बनाई गई इस समिति में देश के टॉप इंजीनियरों को रखा गया है. यह समिति मंदिर निर्माण को लेकर 15 दिसंबर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस समिति का उद्देश्य विभिन्न भू-तकनीकी सुझावों को ध्यान में रखते हुए उच्चतम गुणवत्ता और दीर्घायु के साथ मंदिर का निर्माण करना है.
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20 फीट ऊंची होगी हर मंदिर
राम मंदिर की हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी. मंदिर की लंबाई 360 तथा चौड़ाई 235 फीट होगी. मंदिर का फर्श भूतल से 16.5 फीट ऊंचा होगा. भूतल से गर्भ गृह के शिखर की ऊंचाई 161 फीट होगी. धरती के नीचे 200 फीट गहराई तक मृदा परीक्षण व भविष्य के लिए संभावित भूकंप के प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है. जमीन के नीचे 200 फीट तक भुरभुरी बालू पाई गई है. गर्भ गृह के पश्चिम में कुछ दूरी पर सरयू नदी का प्रवाह है. इस भौगोलिक परिस्थिति में एक हजार वर्ष की आयु वाले पत्थरों के मंदिर का भार सहन कर सकने वाली मजबूत और टिकाऊ नींव की ड्राइंग पर आइआइटी मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी व केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के इंजीनियर परामर्श कर रहे हैं. शीघ्र ही नींव का प्रारूप तैयार होने के साथ निर्माण कार्य आरंभ होगा.
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धनसंग्रह के लिए कूपन तैयार
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने यह भी बताया है कि रामजन्मभूमि मंदिर की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराने के लिए देश के प्रत्येक राज्य के कोने-कोने में घर-घर जाकर संपर्क किया जाएगा. अरुणांचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान निकोबार और त्रिपुरा जैसे सुदूर के राज्यों तक में राम मंदिर की ऐतिहासिकता से रामभक्तों को अवगत कराया जाएगा. लाखों कार्यकर्ता गांव और मुहल्लों में जाएंगे, तो स्वेच्छा से कुछ न कुछ निधि लोग समर्पित करेंगे. पारदर्शिता बनाए रखने के लिए 10 रुपये, सौ रुपये व एक हजार रुपये के कूपन बनाये गए हैं. करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र भी पहुंचाया जायेगा. जनसंपर्क का कार्य मकर संक्रांति से शुरू होगा.
Source : News Nation Bureau