यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार हर स्तर लगी है. ढेर सारे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. युद्धरत यूक्रेन में भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए यूक्रेन में बारतीय दूतावास के अधिकारी दिनरात एक कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि अगले 24 घंटों के लिए 16 उड़ानें निर्धारित हैं. इनमें भारतीय वायु सेना (IAF) के C-17 विमान भी शामिल हैं.
16 flights scheduled for the next 24 hours.. including IAF's C-17 aircraft: MEA pic.twitter.com/uLMRkHDiX2
— ANI (@ANI) March 4, 2022
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हमारे द्वारा परामर्श जारी किए जाने के बाद से 20,000 से अधिक भारतीय यूक्रेन की सीमा से बाहर जा चुके हैं. और भी लोग हैं, लेकिन यह देखकर सुकून मिलता है कि इतने लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक पूर्वी यूक्रेन विशेष रूप से खार्किव और पिसोचिन पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है. भारत वहां कुछ बसें लाने में कामयाब रहे हैं. 5 बसें पहले से चालू, शाम को और बसें; पिसोचिन में फंसे 900-1000 भारतीय और सूमी में 700 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए लगीं है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम सूमी को लेकर चिंतित हैं.
Highest attention on the eastern #Ukraine particularly Kharkiv and Pisochin. We have managed to get some buses there. 5 buses already operational, more buses later in the evening; 900-1000 Indians stranded in Pisochin & 700+ in Sumy. We are concerned about Sumy: MEA pic.twitter.com/f2MLcHvfUy
— ANI (@ANI) March 4, 2022
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह नहीं कह सकता कि हम नीचे की ओर बढ़ रहे हैं (अभी तक...) हम ऑपरेशन गंगा को तब तक जारी रखेंगे जब तक कि अंतिम व्यक्ति को बाहर नहीं निकाल लिया जाता. मोटे तौर पर अभी यूक्रेन में 2000-3000 (अधिक भारतीय) होने की संभावना है, संख्या कम-ज्यादा हो सकती है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने यूक्रेन के अधिकारियों से विशेष ट्रेनों के लिए अनुरोध किया था लेकिन अभी तक कुछ नहीं सुना है. इस बीच, हम बसों की व्यवस्था कर रहे हैं.
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वेदेश मंत्रालय का मानना है कि संपूर्ण (निकासी) युद्धविराम के बिना मुश्किल लगता है. हम संबंधित पक्षों- यूक्रेन और रूस से आग्रह करते हैं कि कम से कम एक स्थानीय युद्धविराम हो, ताकि हम अपने लोगों, छात्रों को निकाल सकें.
(Evacuation) It looks difficult without a ceasefire. We urge the parties concerned- Ukraine & Russia, to have a local ceasefire at least, so that we can evacuate our people, students: MEA#UkraineRussianWar pic.twitter.com/6chIWsh88i
— ANI (@ANI) March 4, 2022
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार हरजोत सिंह के इलाज का खर्च उठाएगी (कीव, यूक्रेन में) लेकिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि यह एक संघर्ष क्षेत्र है.