कांग्रेस में अंदरूनी कलह लगातार बढ़ती जा रही है. कांग्रेस के अपने नेताओं को यह कहने के बाद कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ाई में हाथ मिलाएं, पार्टी के असंतुष्ट खेमे के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि वह पार्टी के लिए चिंतित हैं और इसे कमजोर नहीं होने देना चाहते. उन्होंने कहा कि पार्टी की अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी के लिए उनके मन में काफी सम्मान है. वह सिर्फ कुछ लगत फैसलों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी के वफादारों और असंतुष्टों के बीच आंतरिक लड़ाई तेज होती जा रही है.
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लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) के साथ गठबंधन का बचाव करने पर आनंद शर्मा ने कहा कि पार्टी में इस मसले पर बातचीत होनी चाहिए. आनंद शर्मा ने कहा कि असंतुष्ट नेताओं के बयानों को सही संदर्भ में लेना चाहिए और उनका मकसद पार्टी को मजबूत करना है न कि कमजोर करना. उन्होंने कहा कि वह पार्टी की लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के तहत काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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उन्होंने कहा, "आगामी विधानसभा चुनावों में, हम प्रत्येक कांग्रेस उम्मीदवार की जीत की कामना करते हैं और पार्टी जहां भी कहेगी, प्रचार करेंगे." इससे पहले मंगलवार को, कांग्रेस ने असंतुष्ट नेताओं को भाजपा का मुकाबला करने के लिए पार्टी के साथ हाथ मिलाने के लिए कहा और आईएसएफ और वाम दलों के साथ गठबंधन के बारे में पार्टी के रुख को स्पष्ट किया. गौरतलब है कि आनंद शर्मा पश्चिम बंगाल में आईएसएफ के साथ कांग्रेस के गठबंधन को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की ऐसी विचारधारा नहीं है. अगर गठबंधन को लेकर कोई फैसला लिया भी जाना था तो पार्टी के नेताओं के साथ इस पर चर्चा करना थी. दूसरी तरफ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व आनंद शर्मा के इस बयान से खासा नाराज बताया जा रहा है. आनंद शर्मा पर कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि वह बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं. अगर आनंद शर्मा को अपनी बात रखनी है तो वह पार्टी फोरम पर रखेंं.
Source : News Nation Bureau