व्यापारियों के संगठन कनफेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders-CAIT) ने महाराष्ट्र सरकार से चीन की तीन कंपनियों के साथ सहमति ज्ञापन (MoU) रद्द करने की मांग की है. इस बारे में कैट ने मुख्यमंत्री उद्भव ठाकरे को शुक्रवार को एक पत्र लिखा है. लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच संघर्ष के बाद कैट ने यह मांग की है. महाराष्ट्र सरकार ने इसी सप्ताह चीन की कंपनियों के साथ एमओयू किया है.
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महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में चीन की तीन कंपनियों के साथ किया समझौता
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कैट ने कहा है कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने चीन की तीन कंपनियों के साथ जो समझौता किया है, उसे चीन के खिलाफ देशवासियों के रोष और आक्रोश को देखते हुए तुरंत रद्द कर देना चाहिए. कैट ने राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने कहा कि ऐसे समय, जब पूरा देश चीन के खिलाफ एकसाथ उठ कर खड़ा हो गया है, ऐसे में महाराष्ट्र सरकार द्वारा चीन की कंपनियों से समझौता करना बाला साहेब ठाकरे के दृष्टिकोण एवं जीवन दर्शन के पूरी तरह खिलाफ है. महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न देशों की 12 कंपनियों के साथ कुल मिलाकर 16,000 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं.
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एक बयान में कहा गया है कि चीन की इन कंपनियों का निवेश सामूहिक रूप से 5,000 करोड़ रुपये रहेगा. इन एमओयू पर सोमवार को ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0’ के तहत हस्ताक्षर किए गए. एमओयू पर हस्ताक्षर गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच संघर्ष से कुछ घंटों पहले किए गए। इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए हैं.