जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम और केंद्र सरकार के बीच टकराव का एक और मामला सामने आया है. ये मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में 4 वकीलों की जज के तौर पर नियुक्ति से जुड़ा हुआ है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र के पास 4 वकीलों के नाम भेजे थे जिन्हें केंद्र ने खारिज कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इनमें से एक वकील पर लैंड माफिया और अंडरवर्ल्ड से साठगांठ के आरोप हैं.
वहीं दूसरी तरफ सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कोलेजियम ने केंद्र के चारों वकीलों के नामों को खारिज करने के फैसले को ठुकरा दिया है और एक बार फिर चारों वकीलों के नाम केंद्र के पास भेज दिए हैं.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने कर्नाटक हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए 8 वकीलों के नाम भेजे थे जिनमें से 4 वकीलों के नाम केंद्र ने स्वीकार कर लिए और बाकी बचे चार नामों को मंजूर करने से इनकार कर दिया. इन चार नामों में सवानुर विश्वजीत शेट्टी, मारालुर इंद्रकुमार अरुण, मोहम्मद गौस शुकुरे कमल और एंगलगुप्पे सीतामरमैया शामिल है. केंद्र की तरफ से शेट्टी के नाम को खारिज करते हुए कहा गया कि उनके खिलाफ अंडरवर्ल्ड और लैंड माफिया से सांठगाठ के आरोप हैं. वहीं एम. आई. अरुण के नाम को खारिज करते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि उनके करियर में भी दाग लगे है.
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क्या है कोलेजियम की राय?
वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम का कहना है कि केंद्र की आपत्तियों में दम नहीं है. उन्होंने ये भी कहा है कि शेट्टी और अरुण के खिलाफ लगे आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है.