लोकपाल चुनाव समिति की मंगलवार को होने वाली बैठक का कांग्रेस ने एक बार फिर से बायकॉट किया है।
इस बारें में कांग्रेस का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार ने उन्हें इस बैठक के लिए 'विशेष आमंत्रण' भेजा था। यानी कि मैं उस बैठक में विपक्ष के तौर पर हिस्सा तो लूंगा लेकिन सरकार हमारा सुझाव माने इसकी बाध्यता नहीं होगी। इससे साफ़ होता है कि केंद्र सरकार विपक्ष के सुझाव को शामिल हीं नहीं करना चाहती है।
कांग्रेस ने इस बारे में पीएम मोदी को शिकायती ख़त लिखते हुए कहा, 'कांग्रेस इस बैठक में हिस्सा नहीं लेगी क्योंकि केंद्र सरकार ने लोकपाल मुद्दे को पिछले चार साल के दौरान प्राथमिकता नहीं दी। जिससे उनके दोहरे मापदंड का पता चलता है।'
'विशेष आमंत्रण' को लेकर खड़गे ने लिखा, "केंद्र सरकार को पता है कि लोकपाल और लोकायुक्त क़ानून में 'विशेष आमंत्रण' पर बुलाए गए सदस्य को बैठक में अपनी बात रखने या वोट करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए सरकार ने इस बैठक में विपक्ष की साझेदारी के बजाय लोगों को धोखा देने के लिए कांग्रेस को बुलाया है।'
खड़गे ने बैठक में हिस्सा लेने को लेकर अपनी असमर्थता का ज़िक्र करते हुए लिखा, 'केंद्र सरकार लोकपाल क़ानून के साथ खिलवाड़ करना चाहती है इसलिए बेहतर होगा कि इस दिखावे में हिस्सा न लिया जाए।'
खड़गे ने आगे देश के नागरिक को संबोधित करते हुए लिखा, 'लोगों को पता चलना चाहिए कि पिछले 4 साल के दौरान केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार से लड़नें में सहायक लोकपाल क़ानून में संशोधन करने के बजाए समय बर्बाद किया और अब देश की एकमात्र सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के सुझाव को शामिल करने से भी मना कर रही है क्योंकि हमें क़ानून चुनाव समिति में शामिल नहीं किया गया है।'
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Source : News Nation Bureau