कांग्रेस और वाम दल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले 31 जनवरी तक अपने सीट बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप दे देंगे. पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रभारी जितिन प्रसाद ने पुष्टि की कि राज्य में वाम दलों (लेफ्ट पार्टी) के साथ सीटों के बंटवारे पर बातचीत करने के लिए चार नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. कांग्रेस ने पिछले चुनावों में 92 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने चुनावों में जीत हासिल की थी.
प्रसाद ने कहा, हमने अब्दुल मनन, प्रदीप भट्टाचार्य, अधीर रंजन चौधरी और नेपाल महतो को वाम नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए नामित किया है. कांग्रेस के साथ इस बार बंगाल में दोहरी समस्या है. यह ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रही है, जो उसकी एक वैचारिक सहयोगी मानी जाती है, जबकि बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी अपना आधार बना चुकी है और उसकी ताकत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ी हुई दिखाई दे रही है.
प्रसाद ने कहा कि वामपंथी और कांग्रेस दोनों मोर्चो पर लड़ेंगे. प्रसाद ने कहा, जब ममता बनर्जी की बात आती है, तो कानून और व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है, जबकि भाजपा बंगाली विरासत और इतिहास को मिटाना चाहती है. हालांकि एक सर्वेक्षण से पता चला है कि राज्य में भाजपा द्वारा आक्रामक प्रचार के बावजूद बनर्जी के साथ संतुष्टि का स्तर उच्च बना हुआ है. सर्वेक्षण के अनुसार 52 प्रतिशत लोग ममता बनर्जी के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं. 2016 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल ने 290 सीटों में से 211 पर कब्जा किया था, जबकि कांग्रेस को 44, वाम दलों को 24 और भाजपा को तीन सीटें मिली थीं.
Source : News Nation Bureau