देश के पांच राज्यों में चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है. कांग्रेस की 'असंतुष्ट लॉबी' पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बन रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जी-23 में शामिल आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल चुनाव में कांग्रेस की रणनीति पर सवालिया निशान लगाया है. आनंद शर्मा बंगाल में कांग्रेस के पीरजादा के साथ गठबंधन पर सवाल उठा दिए हैं. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आनंद शर्मा के बयान से खासी नाराज बताई जा रही है. कांग्रेस का कहना है कि नेताओं को पार्टी फोरम पर अपनी बात रखनी चाहिए. ऐसे बयानों से बीजेपी को फायदा होता है.
यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी का किला भेदने के लिए पीएम मोदी तैयार, बंगाल में करेंगे ताबड़तोड़ रैलियां
दरअसल कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बंगाल में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबधन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ 'जंग' में कांग्रेस 'सिलेक्टिव' नहीं हो सकती. पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी की वाम दलों और आईएसएफ (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) के साथ रैली के विजुअल्स के संदर्भ में यह बात कही. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ' ISF और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है. इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी.'
यह भी पढ़ेंः कौन है मतुआ समुदाय? जिस पर टिकी है BJP-TMC दोनों की नजर
कांग्रेस आनंद शर्मा के बयान से नाराज
सूत्रों के मुताबिक पार्टी का शीर्ष नेतृत्व आनंद शर्मा के रुख से नाराज बताया जा रहा है. कांग्रेस का कहना है कि अगर किसी भी नेता को अपनी बात कहनी है तो वह पार्टी फोरम पर आकर कहे. चुनाव से पहले इस तरह की बयानबाजी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है. कांग्रेस का एक धड़ा पार्टी के रुख से नाराज बताया जा रहा है. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्टी लिख गठबंधन का चुनाव कराने की मांग की थी.
Source : News Nation Bureau