कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने RBI की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक साल में कमर्शियल सेक्टर को ऋण का प्रवाह 88 फीसदी कम हुआ है. इसका मतलब यह है कि अर्थव्यवस्था के ऊपर कोई काम नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि वास्तव में GDP विकास दर 5 फीसदी से भी कम है. ये हालात तब हैं जब RBI ने रेपो रेट घटाए हैं, यानी ऋण लेना सस्ता हुआ है. बावजूद इसके लोगों को विश्वास नहीं हो रहा, इसलिए लोग ऋण नहीं ले रहे. बैंकों ने नया ऋण देना बंद कर दिया है. अर्थव्यवस्था की इस संकट को दूर करने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है.
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इसेस पहले अगस्त में देश के 8 कोर सेक्टर्स की विकास दर रिपोर्ट में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. अगस्त महीने में 8 कोर सेक्टर्स की ग्रोथ में 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. जबकि जुलाई महीने में यह ग्रोथ 2.1 प्रतिशत था. वहीं अगस्त 2018 में आठ कोर सेक्टर्स की विकास दर 4.7 फीसदी थी. आठ कोर सेक्टर्स की विकास दर में गिरावट आई थी. कोर सेक्टर की ग्रोथ में 0.5 प्रतिशत गिरावट मोदी सरकार के लिए यह एक बड़ा झटका है. सोमवार को जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक कोर सेक्टर की 8 प्रमुख इंडस्ट्रीज का इंडेक्स 128.2 रहा है. पिछले साल के आंकड़ों के मुकाबले इसमें 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. साल में 2019-20 के अप्रैल-अगस्त महीने के दौरान यह 2.4 प्रतिशत रहा है.
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जबकि पिछले साल इसी दरम्यान 5.7 फीसदी थी. दरअसल, सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद उद्योगों की वृद्धि दर में तेजी नहीं आ पा रही है. जुलाई में आठ कोर सेक्टर की विकास 2.1 फीसदी थी, जिससे एक उम्मीद जगी थी कि आगे सुधार देखने को मिलेगा. लेकिन अब अगस्त के आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से झकझोर दिया है.