सेलफोन कंपनियों द्वारा मोबाइल डेटा और कॉल शुल्क में वृद्धि के लिए कांग्रेस ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि इसमें सरकार की सहमति है और सेलफोन कंपनियां आम लोगों से उनके पैसे लूट रही हैं. कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि वर्तमान शासन ने जान बूझकर बीएसएनएल और एमटीएनएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को 4-जी सेवाओं में अपग्रेड करने से वंचित किया है.
पार्टी ने दावा किया कि मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 36,000 करोड़ रुपये का लाभ होगा, जोकि 120 करोड़ भारतीय मोबाइल यूजर की जेब से निकलेगा. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "निजी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की सरकार के प्रति 1.47 लाख करोड़ रुपये की देनदारियां हैं, जिसमें स्पेक्ट्रम और लाइसेंसिंग शुल्क शामिल हैं.
उन्होंने आगे कहा कि अदालत ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को जनवरी 2020 तक अपना बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया, लेकिन सरकार ने इसे दो साल के लिए टाल दिया, साथ ही कंपनियों को दो चरणों में टैरिफ बढ़ाने की अनुमति दे दी." खेड़ा ने कहा कि संप्रग शासन के दौरान 13 दूरसंचार सेवा प्रदाता थे, जो अब घटकर तीन हो गए हैं. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है.
उन्होंने कहा कि संप्रग शासन के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां लाभ में थीं, लेकिन अब सरकारी उपेक्षा के कारण उन्हें नुकसान हो रहा है.
Source : आईएएनएस