SC में जजों की नियुक्ति पर जंग, कांग्रेस और बीजेपी में घमासान

केंद्र की तरफ से उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाए जाने को लेकर की गई कॉलेजियम की सिफारिश को वापल लौटाए जाने के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जंग छिड़ गई है।

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Abhishek Parashar
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SC में जजों की नियुक्ति पर जंग, कांग्रेस और बीजेपी में घमासान

कपिल सिब्बल और रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो)

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केंद्र की तरफ से उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाए जाने को लेकर की गई कॉलेजियम की सिफारिश को वापल लौटाए जाने के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जंग छिड़ गई है।

कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, 'कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में कहा था कि जस्टिस जोसेफ कुरियन प्रोमोशन के योग्य हैं। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट ने भी इस बारे में अधिसूचना जारी की थी। तो फिर केंद्र सरकार उन्हें क्यों प्रोमोशन नहीं दे रही है?'

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि जजों की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की सिफारिश अंतिम फैसला होता है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या मोदी सरकार कानून से ऊपर है?

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति में कौन सी चीज बाधा है। उनका स्टेट या उनका धर्म या उत्तराखंड केस में उनका फैसला।'

कांग्रेस के इस आरोप पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस के पास न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को लेकर कोई सवाल पूछने का नैतिक अधिकार नहीं है।

बीजेपी नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी न्यायपालिका की गरिमा को लेकर हमसे कोई सवाल पूछने का नैतिक आधार नहीं रखती है। कांग्रेस पार्टी का पूरा इतिहास न्यायपालिका में हस्तक्षेप का है।

गौरतलब है कि कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए वरीयता क्रम में जस्टिस जोसेफ को पहले और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा को दूसरे नंबर पर रखते हुए उन्हें जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की थी।

केंद्र ने इंदु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दे दी, लेकिन जस्टिस जोसेफ की फाइल को पुनर्विचार का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट को लौटा दिया।

विपक्षी हमले के बीच हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जजों के नाम को पुनर्विचार के लिए भेजना सरकार का अधिकार है और कोर्ट इस पर विचार करेगा।

गौरतलब है कि जस्टिस जोसेफ की अध्यक्षता वाली उत्तराखंड हाई कोर्ट की पीठ ने ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की अधिसूचना रद्द कर हरीश रावत की सरकार को बहाल कर दिया था।
जोसेफ की नियुक्ति लटकाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने प्रतिक्रिया दी है।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रमुख विकास सिंह ने कहा, 'इंदु मल्होत्रा एक अच्छी वकील हैं और वह एक बेहतर जज साबित होंगी। मुझे सरकार के रवैये से परेशानी है। ऐसी कोई वजह नहीं है कि जस्टिस केएम जोसफ के नाम पर मुहर नहीं लगाई जाए।'

उन्होंने कहा, 'एक की नियुक्ति हुई और दूसरे की नहीं। सरकार न्यायपालिका के काम में हस्तक्षेप कर रही है। यह एक गंभीर मामला है औक सरकार के साथ इस मुद्दे को मजबूत तरीके से उठाया जाना चाहिये।'

जोसेफ की नियुक्ति लटकाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने प्रतिक्रिया दी है।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रमुख विकास सिंह ने कहा, 'इंदु मल्होत्रा एक अच्छी वकील हैं और वह एक बेहतर जज साबित होंगी। मुझे सरकार के रवैये से परेशानी है। ऐसी कोई वजह नहीं है कि जस्टिस केएम जोसफ के नाम पर मुहर नहीं लगाई जाए।'

उन्होंने कहा, 'एक की नियुक्ति हुई और दूसरे की नहीं। सरकार न्यायपालिका के काम में हस्तक्षेप कर रही है। यह एक गंभीर मामला है औक सरकार के साथ इस मुद्दे को मजबूत तरीके से उठाया जाना चाहिये।'

और पढ़ें: केंद्र सरकार ने पुनर्विचार के लिए SC को जस्टिस जोसेफ की फाइल लौटाई

HIGHLIGHTS

  • जस्टिस जोसेफ की फाइल लौटाए जाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में छिड़ी जंग
  • कांग्रेस ने लगाया बीजेपी पर न्यायपालिका में दखल देने का आरोप

Source : News Nation Bureau

BJP congress p. chidambaram Ravi Shankar kapil sibbal Appointement Of Judges In SC
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