देश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार सत्ता में आ गई है. कैबिनेट का गठन हो चुका है और अब सरकार का कामकाज भी शुरू हो चुका है. लेकिन संसद का सदन शुरू होना बाकी है और लोकसभा में स्पीकर के लिए चुनाव अभी होना बाकी है. ऐसे में लोकसभा में ऐसा मौका आ सकता है, जब सोनिया गांधी को मेनका गांधी को 'मैडम स्पीकर' कहना पड़ सकता है. सबसे वरिष्ठ सांसद होने के कारण मेनका गांधी अगर प्रोटेम स्पीकर चुनी गईं तो वह सोनिया गांधी को शपथ दिलाएंगी. साथ ही यह भी चर्चा है कि उन्हें लोकसभा स्पीकर बनाया जा सकता है.
यह भी पढ़ें- अकबर और महाराणा प्रताप की तुलना करना इतिहास के साथ मजाक है: मदन लाल सैनी
एक ही परिवार की बहुएं लेकिन अलग-अलग पार्टी
वैसे वह देश के सबसे बड़े राजनीतिक घराना 'गांधी परिवार' की बहुएं हैं, मगर मतभेदों की वजह से उनके पारिवारिक और सियासी रास्ते अलग हैं. सोनिया गांधी जहां सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन यूपीए की अध्यक्ष हैं तो मेनका गांधी धुर विरोधी बीजेपी से सांसद हैं. एक दूसरे के आमने-सामने पड़ने से भी वे बचतीं हैं.
रिश्ते कैसे हैं, इसका अंदाजा 2014 में बीजेपी नेता मेनका गांधी के उस बयान से लगाया जा सकता है, जब उन्होंने जेठानी सोनिया गांधी की संपत्ति पर सवाल उठाए थे. उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि सोनिया दहेज में अपने साथ कुछ भी नहीं लाई थीं, फिर वह इतनी अमीर कैसे हो गईं.
लेकिन लोकसभा में ऐसा मौका आ सकता है, जब सोनिया गांधी को मेनका गांधी को 'मैडम स्पीकर' कहना पड़ सकता है. सबसे वरिष्ठ सांसद होने के कारण मेनका गांधी अगर प्रोटेम स्पीकर चुनी गईं तो वह सोनिया गांधी को शपथ दिलाएंगी. मेनका गांधी का नाम लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए भी कतार में है.
इस बार लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी अपनी पुरानी सीट रायबरेली से एक बार फिर से जीतने में सफल रहीं तो राहुल गांधी को अमेठी से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से जीतने में सफल रहे. इस प्रकार मेनका गांधी प्रोटम स्पीकर या स्पीकर की कुर्सी पर पहुंची तो वह गांधी परिवार के सोनिया और राहुल दोनों को शपथ दिलाएंगी.
इनके नाम भी हैं रेस में
इस रेस में राधा मोहन सिंह, वीरेंद्र कुमार, एसएस अहलूवालिया, नंद कुमार चौहान का भी नाम शुमार है.
Source : News Nation Bureau