कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जारी है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बैठक में अपने पद से इस्तीफे की मांग की है जिसके बाद अब नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस 2 खेमों में बटी हुई नजर आ रही है. सोनिया गांधी की तरफ से इस्तीफे की पेशकश किए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी से अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया.
दरअसल सोनिया गांधी ने सोमवार को बैठक के दौरान कहा कि वह अब अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम नहीं करवा चाहती जिसके बाद कुछ नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया. वहीं अहमद पटेल समेत कुछ नेताओं ने राहुल गांधी से दोबारा अध्यक्ष पद की कमान संभालने का आग्रह किया.
वहीं दूसरी ओर बैठक से पहले सोनिया गांधी के 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से मिले पत्र पर पार्टी में घमासान जारी है. राहुल गांधी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि ये चिट्ठी तभी क्यों भेजी गई जब सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती थी. इसी के साथ उन्होंने इसे बीजेपी से मिलीभगत भी करार दिया. राहुल गांधी ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र की टाइमिंग औऱ मंशा पर सवालिया निशान लगाते हुए उन नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया, जिन्होंने उस पर साइन किए थे. राहुल गांधी के इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया होनी ही थी. राहुल गांधी का कहना था कि सोनिया गांधी को लिखे पत्र पर साइन करने वाले वास्तव में बीजेपी की ही मदद कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में नाराजगी जाहिर की.
गुलाम नबी आजाद इतने आहत हो गए है कि उन्होंने बयान जारी कर दिया कि अगर आरोप सिद्ध हो गए तो वह कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे. कपिल सिब्बल ने भी राजस्थान और मणिपुर कांग्रेस संकट का हवाला देते हुए ट्वीट कर राहुल गांधी के आरोपों से नाराजगी जता दी. हालांकि कुछ देर बाद ही कपिल सिब्बल ने अपना ट्वीट वापस ले लिया. जाहिर है कांग्रेस में आमूलचूल बदलाव की मंशा से सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र से कांग्रेस की खेमेबंदी सतह पर उभर कर आ गई है.
दरअसल कुछ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखर कांग्रेस (Congress) के भीतर ऊपर से लेकर नीचे तक सुधार के लिए कहा गया है, गांधी परिवार समर्थक लॉबी पत्र के खिलाफ सामने आई है और इसके पीछे जिम्मेदार लोगों को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस के अंदर कुछ नेता चाहते हैं कि पार्टी की कमान एक बार फिर राहुल गांधी को दे दी जाए. ऐसे में इस गुट के अपने स्वार्थ हैं. इस गुट के लोगों का मानना है कि कांग्रेस का वर्तमान शीर्ष नेतृत्व उनकी लगातार अनदेखी कर रहा है. ऐसे में राहुल को पार्टी की कमान मिलने के बाद उन्हें भी संगठन में कोई पद दिया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau