अरुणाचल प्रदेश में विवादित स्थाई मूल-निवास प्रमाण पत्र (पीआरसी) के मुद्दे पर हिंसा के बाद विपक्षी कांग्रेस ने सोमवार को मुख्यमंत्री पेमा खांडू के इस्तीफे और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ताकम संजय ने कहा, 'मुख्यमंत्री (पेमा खांडू) और उनकी मंत्रीपरिषद ने अरुणाचल प्रदेश से बाहर के छह आदिवासी समुदायों को पीआरसी देने का निर्णय लेकर प्रदेश की जनता का विश्वास खो दिया है. इसलिए उन्हें अब सरकार में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.'
राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करते हुए उन्होंने सवाल किया, 'रविवार को राज्य पुलिस और सेना की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई. क्या यह राज्य में कानून-व्यवस्था का ध्वस्त होना नहीं है?'
प्रदेश सरकार ने अभी तक अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर में रविवार को हुई गोलीबारी में मरने वालों की संख्या की जानकारी नहीं दी है.
उपमुख्यमंत्री का आवास जलाने के बाद मुख्यमंत्री के आवास की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने गोलीबारी का सहारा लिया था.
कांग्रेस द्वारा प्रदर्शनकारियों को भड़काने के सरकार के आरोप को खारिज करते हुए संजय ने कहा, 'हमारा इस हिंसा से कोई लेना देना नहीं है. छह आदिवासी समुदायों को पीआरसी के खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध देखते हुए भी मुख्यमंत्री ने छह समुदायों को नव वर्ष के तोहफे के तौर पर पीआरसी की अनुमति देने की घोषणा की.'
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छह समुदायों आदिवासी, मोरन, देओरी, मिसिंग, कचरी और अहोम इस पहाड़ी राज्य में, विशेषकर असम से लगने वाले चांगलांग और नामसाई जिलों में रहते हैं.
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी जनता के साथ है और उनकी आवाज समझती है. इसलिए हमने स्पष्ट कर दिया है कि हमने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया है.'
कांग्रेस ने खांडू के अतिरिक्त केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू को भी हटाने की मांग की. रिजिजू पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं.
हिंसा के बाद इटानगर और नाहरलागुन में लागू किया गया अनिश्चितकालीन कर्फ्यू सोमवार को भी जारी रहा.
शुक्रवार शाम की हिंसा के बाद से इंटरनेट बंद है.
Source : IANS