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कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की

कोरोना वायरस से जारी लड़ाई हमारे करोड़ों भाइयों और बहनों के लिए गंभीर आर्थिक कठिनाई का कारण बन रही है. इस समय, कीमतें कम करने के बजाय, पेट्रोल और डीजल पर 10 रुपये और 13 रुपये प्रति लीटर कर बढ़ाने का सरकार का निर्णय अनुचित है और इसे वापस लिया जाना चाह

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Ravindra Singh
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राहुल गांधी

राहुल गांधी( Photo Credit : फाइल)

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कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर बुधवार को सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कर लगाकर आम लोगों की गाढ़ी कमाई लूटना ‘आर्थिक देशद्रोह’ है. पाटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को यह वृद्धि वापस लेनी चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, कोरोना वायरस से जारी लड़ाई हमारे करोड़ों भाइयों और बहनों के लिए गंभीर आर्थिक कठिनाई का कारण बन रही है. इस समय, कीमतें कम करने के बजाय, पेट्रोल और डीजल पर 10 रुपये और 13 रुपये प्रति लीटर कर बढ़ाने का सरकार का निर्णय अनुचित है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि जब किसानों और मजदूरों की मदद नहीं हो रही है तो फिर किसके लिए पैसा इकट्ठा किया जा रहा है? पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि संकट के समय लोगों पर कर का बोझ डालना उचित नहीं है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क के जरिए पिछले छह साल में वसूले गए 17 लाख करोड़ रुपये का क्या हुआ, इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए.

सुरजेवाला ने लगाए ये आरोप
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, कच्चे तेल की कीमतें पूरी दुनिया में अपने न्यूनतम स्तर पर हैं. उनका लाभ 130 करोड़ देशवासियों को देने की बजाय मोदी सरकार पेट्रोल और डीज़ल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर मुनाफाखोरी कर रही है. विपदा के समय इस प्रकार पेट्रोल-डीज़ल पर कर लगाकर देशवासियों की गाढ़ी कमाई को लूटना ‘आर्थिक देशद्रोह’ है. उन्होंने सवाल किया, 4 मई, 2020 को भारत की तेल कंपनियों को कच्चे तेल की लागत 23.38 अमेरिकी डॉलर या 1772 रुपये प्रति बैरल पड़ी है.

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6 सालों में 12 बार घटे डीजल-पेट्रोल के दाम
1 बैरल में 159 लीटर होते हैं. यानी आज के दिन देश में प्रति लीटर तेल की लागत 11.14 रु. प्रति लीटर है. देशवासियों को 11.14 रुपये प्रति लीटर वाला तेल 71.26 रुपये प्रति लीटर (पेट्रोल) व 69.39 रु. प्रति लीटर (डीज़ल) क्यों बेचा जा रहा है? सुरजेवाला ने कहा, ​भाजपा सरकार ने 2014-15 से 2019-20 तक यानी 6 वर्षों में 12 बार पेट्रोल व डीज़ल पर टैक्स बढ़ाकर 130 करोड़ भारतीयों से 17 लाख करोड़ रुपये वसूले हैं.

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कहां गया जबरन वसूली का पैसा
इस जबरन वसूली का पैसा कहां गया, जब जनता को कोई राहत ही नहीं मिली ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामने आकर 130 करोड़ भारतीयों को जवाब दें. केंद्र सरकार ने मंगलवार रात को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया. कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मांग नहीं होने के कारण पिछले माह ब्रेंट क्रूड आयल (कच्चे तेल) की कीमत प्रति बैरल 18.10 डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गई थी. यह 1999 के बाद से सबसे कम कीमत थी. हालांकि इसके बाद कीमतों में थोड़ी वृद्धि हुई और यह 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई. 

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