कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी का यह कर्तव्य है कि वह धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करे. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी पट्टी में पार्टी के संकट बीजेपी के 'बहुसंख्यक तुष्टीकरण' या 'कोक लाइट' की तर्ज पर किसी तरह के 'लाइट हिंदुत्व' की पेशकश करने से दूर नहीं हो सकते हैं क्योंकि इस रास्ते पर चल कर 'कांग्रेस जीरो' हो जाएगी. थरूर ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी शासन और उसके सहयोगियों द्वारा हिंदू होने का दावा करना 'ब्रिटिश फुटबॉल के बदमाश समर्थकों' की अपनी टीम के प्रति वफादारी से अलग नहीं है.
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कांग्रेस सांसद ने अपनी पुस्तक 'दि हिंदू वे: एन इंट्रोडक्शन टु हिंदुइजम' के लोकार्पण से पहले दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि सत्ता में बैठे लोग जो प्रचार कर रहे हैं वह सही मायनों में हिंदुत्व नहीं है, बल्कि एक महान मत को 'विकृत किया जा रहा' है, जिसे उन लोगों ने विशुद्ध राजनीतिक और चुनावी लाभ के लिए एक संकीर्ण राजनीतिक औजार में तब्दील कर दिया है. थरूर ने कहा कि एक सतर्क आशावादी के रूप में वह कहना चाहेंगे कि युवाओं सहित पर्याप्त संख्या में ऐसे भारतीय हैं, जो हालिया 'रूढ़िवादी प्रवृत्ति' का विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वे लगातार यह सुनिश्चित करेंगे कि 'भारत के बारे में विकृत विचार' सफल न हो.
केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में मेरा मानना है कि भारत में धर्मनिपेक्षता की रक्षा करने में पार्टी की एक मौलिक भूमिका है और इसका नेतृत्व करना उसका कर्तव्य है.'
उन्होंने कहा, 'जो लोग यह सुझाव दे रहे हैं कि हिंदी पट्टी में पार्टी के संकट का समाधान बीजेपी की तरह 'बहुसंख्यक तुष्टीकरण' में है, वे एक बड़ी गलती कर रहे हैं. यदि मतदाता को असली चीज और उसकी नकल के बीच में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाए, तो वह हर बार असली को चुनेगा.'
थरूर ने कहा कि BJP की सफलता से भयभीत होने के बजाय कांग्रेस के लिए बेहतर होगा कि वह उन सिद्धांतों के लिए खड़ी हो, जिन पर उसने हमेशा ही विश्वास किया है और देश से अपने सिद्धांतों का अनुसरण करने के लिए अनुरोध करे. थरूर (63) ने कहा, 'निष्ठावान लोग एक ऐसी पार्टी का सम्मान करेंगे जो हमारे विश्वासों के साहस को प्रदर्शित करे, न कि 'कोक लाइट' और 'पेप्सी जीरो' की तर्ज पर किसी तरह के 'लाइट हिंदुत्व' की पेशकश करे क्योंकि 'लाइट हिंदुत्व' का अंत सिर्फ 'जीरो कांग्रेस' के रूप में होगा.'
थरूर ने कहा, 'हिंदुत्व की खूबसूरती यह है कि हमारे यहां कानून बनाने के लिए कोई पोप नहीं है, कोई इमाम फतवा जारी कर यह नहीं बताता है कि सच्चा मत क्या है, कोई अकेला पवित्र ग्रंथ नहीं है. हिंदू मत में ऐसी कोई बात नहीं है.' उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता एक ऐसा शब्द है जिसे अक्सर ही सही अर्थों में नहीं समझा जाता है.
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थरूर ने आरोप लगाया कि मौजूदा शासन के दौरान धर्म के आधार पर लोगों को बांटने के लिए कपटपूर्ण कोशिशें की गई हैं. हालांकि, उन्होंने कहा, 'कांग्रेस यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हर धर्म को भारत में फूलने-फलने के लिए अवसर मिले. पार्टी की यह परंपरा नहीं बदलेगी, भले ही हमारे कुछ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी ऐसे विकृत बयान को बढ़ावा देते हों.' उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी शासन और उसके सहयोगी दलों ने वेदों, उपनिषदों, पुराणों और गीता के गौरव को छीन लिया और उन्हें अप्रासंगिक बना दिया.