गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के दो विधायक पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं. देर रात उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक दोनों विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. जल्दी ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी. इसके बाद से कांग्रेस में बेचैनी बढ़ गई है. इससे पहले कांग्रेस ने अपने 14 विधायकों को गांधीनगर से जयपुर रवाना कर दिया था.
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सूत्रों के मुताबिक लिंबडी के विधायक सोमा पटेल और धारी के विधायक जे वी काकडीया ने दिया इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी ने प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर कब्जा जामने के लिए नरहरि अमीन को उतारने का फैसला कर कांग्रेस की चिंता को बढ़ा दिया है. गुजरात में एक बार फिर 2017 में हुए अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव जैसे फाइट होने की संभावना साफ नजर आ रही है.
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गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने हैं. बीजेपी की ओर राज्यसभा के लिए अभय भारद्वाज और रमीवा बेन बारा के साथ तीसरे कैंडिडेट के तौर पर नरहरि अमीन शुक्रवार को नामांकन पत्र भरेंगे. वहीं, कांग्रेस की ओर राज्यसभा के लिए शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी कैंडिडेट बनाए गए हैं, जो गांधीनगर में नामांकन दाखिल करेंगे. ऐसे में चार राज्य सभा सीटों के लिए पांच प्रत्याशी के ताल ठोकने से चुनाव कराने की नौबत हो गई है.
बता दें कि गुजरात की जिन चार राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से तीन सीटें बीजेपी और एक सीट कांग्रेस के पास है. कांग्रेस और बीजेपी अपने-अपने पुराने राज्यसभा सदस्यों की जगह नए चेहरों पर दांव लगाया है. मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से दोनों पार्टियों के खाते में दो-दो सीटों के मिलने के समीकरण बन रहे थे, लेकिन बीजेपी ने अपना तीसरा कैंडिडेट उतारकर मुकाबले को काफी दिलचस्प बना दिया है.
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गुजरात विधानसभा की कुल 182 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें फिलहाल रिक्त हैं. इस तरह कुल संख्या 180 है. ऐसे में गुजरात में राज्यसभा की एक सीट पर जीतने को प्रथम वरीयता के लिए 37 वोट चाहिए. गुजरात में मौजूदा समय में बीजेपी के पास 103 विधायक हैं जबकि एनसीपी से एक और बीटीपी के 2 विधायक हैं. वहीं, कांग्रेस के पास 73 विधायकों और एक निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी हैं. कांग्रेस को अपनी दो राज्यसभा सीटें जीतने के लिए भी 74 विधायकों का वोट चाहिए. वहीं, बीजेपी को अपनी तीनों राज्यसभा सीटों जीतने के लिए 111 विधायक चाहिए. ऐसे में बीजेपी को एनसीपी और बीटीपी के साथ कांग्रेस के 5 विधायकों का वोट हासिल करना है, जिसके चलते कांग्रेस के सामने अपने विधायकों को क्रॉस वोटिंग का खतरा नजर आ रहा है.
Source : News Nation Bureau