पीएम रिलीफ फंड (PM Relief Fund) के बदले पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) के इस्तेमाल पर कांग्रेस की भौहें तनी हुई हैं. पहले दिन से पीएम केयर्स फंड कांग्रेस की आँखों में खटक रहा है. अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मांग की है कि प्रधानमंत्री केयर फंड में इकट्ठा हुए पैसे की ऑडिटिंग होनी चाहिए. वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संवाददाताओं से मुखातिब राहुल गांधी ने कहा, यह पता होना चाहिए पैसा कहां से आया और कहां गया. प्रवासी मजदूरों के रेल किराया के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस (Congress) मदद कर रही है, लेकिन इस पर मैं राजनीति नहीं करना चाहता. वे न्यूज़ नेशन के एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
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राहुल गांधी ने हालात से निपटने के लिए लोगों के बीच से इस वायरस से जुड़ा डर का माहौल खत्म करना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार के कदमों में पारदर्शिता होनी चाहिए तथा सरकार छोटे कारोबारों की तत्काल मदद करे और गरीबों एवं मजदूरों के खातों में 7500 रुपये डाले. वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संवाददाताओं से मुखातिब राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हमें छोटे कारोबारों, मजदूरों की मदद करनी होगी. लोगों की नौकरियां जा रही हैं. अगर हम अभी मदद नहीं करते हैं तो (बेरोजगारी की) सुनामी आ जाएगी.’’
राहुल गांधी बोले- सरकार जो कदम उठाए उसमें पारदर्शिता होनी चाहिए. अगर हमें लॉकडाउन से बाहर निकलना है तो हमें डर खत्म करना होगा. यह बताना होगा कि कोरोना वायरस 99 प्रतिशत लोगों के लिए खतरनाक नहीं हैं. जिन एक फीसदी लोगों के लिए यह खतरनाक है उनकी हमें सुरक्षा करनी होगी.’’
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बोले, अगर इस लड़ाई को हम पीएमओ में रखेंगे तो यह लड़ाई हारी जाएगी. प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्रियों पर और मुख्यमंत्रियों को जिला अधिकारियों पर विश्वास करना होगा. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि इस संकट से लड़ने के लिए विकेंद्रीकरण की जरूरत है.
Source : Mohit Raj Dubey