गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को कृषि कानून के विरोध में आंदोलनकारी किसान दिल्ली में कूच कर चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने शर्तों के साथ ट्रैक्टर रैली की मंजूरी दी थी, लेकिन सुबह से ही दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं से किसान घुस आए. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से पुलिस के साथ झड़प, जबरन बैरिकेड टूटने के वीडियो और तस्वीरें सामने आ रहे हैं. इस बीच किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर कांग्रेस के महासचिव अजय माकन ने सरकार को निशाना साधा है.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि आज की हिंसक झड़पों में कई घायल-चिंता का विषय है. परंतु, बड़ी चिंता होनी चाहिए कि आज के बाद, पूरे देश के किसानों में उग्र सोच रखने वाले नेतृत्व को बल मिल जाएगा और पूरा आंदोलन, अतिवादी तत्वों के हाथों मे आ जाने का खतरा हो जाएगा. नरमी दिखाने वाले नेताओं के हाथ से तो आंदोलन ही निकल जाएगा. सरकार इस खतरे के प्रति सचेत है? अहंकारी सरकार ने ऐसा क्यों होने दिया?
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने किसानों से अपील की है कि किसी तरह की हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल न हों. अगर किसी ने भी वर्दीवाले पर वाहन चढ़ाने का प्रयास किया है तो यह काफी निंदनीय है. साथ ही ये अनुशासन से बाहर है. यह घृणित है और अस्वीकार है. मंच से हम बार-बार कहते रहे कि ये जो वर्दी में जवान है, ये तो वर्दी में खड़ा किसान है इनसे हमारा कोई झगड़ा नहीं है. ऐसी कोई भी अगर हरकत हुई है तो हम इसकी निंदा करते हैं.
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को खराब करने वाले लोग राजनीतिक दलों के हैं. हमें पता है कि आंदोलन को नुकसान पहुंचाने में कौन लोग शामिल हैं. उनकी पहचान कर ली गई है. कुछ राजनीतिक दलों के लोग आंदोलन को खराब करना चाहते हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने यह बात तब कही जब यह पूछा गया कि क्या आंदोलन किसान नेताओं से बेकाबू हो गया है.
Source : News Nation Bureau