पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद सिर्फ़ कांग्रेस ही नहीं लगभग पूरा विपक्ष एकजुट होकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल खड़े कर रहे हैं। और अब सवाल ये उठ रहा है कि कांग्रेस के अंदर ही इस मुद्दे पर एक राय नहीं बन पा रही है।
बुधवार को पूर्व क़ानून मंत्री वीरप्पा मोइली के बयान के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ होती तो वह सत्ता में नहीं होते।
उन्होंने बुधवार को नई दिल्ली में कहा, अगर ईवीएम से छेड़छाड़ की गई होती तो वो पंजाब की सत्ता मे काबिज नहीं होते बल्कि अकाली होते।
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इससे पहले ईवीएम के मसले पर मोइली ने कहा कि यह सिर्फ क्षेत्रीय दलों की लोकलुभावन कोशिश है, हमारी पार्टी (कांग्रेस) भी इसमें साथ जुड़कर हार के बहाने तलाश रही है।
पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोईली के बाद अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जो ईवीएम के बचाव में उतरे हैं, जबकि कांग्रेस का आरोप है कि मशीन से छेड़छाड़ हुई है।
उनका यह रुख कांग्रेस के रुख के विपरीत है, जिसका कहना है कि मशीन से छेड़छाड़ संभव है।
पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों में से 77 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर एक दशक से सत्ता में काबिज अकाली-भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया।
कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर आरोप लगा रही है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ हुई, जिससे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को विधानसभा चुनाव जीतने में सहयोग मिला। कांग्रेस ने मांग की है कि ईवीएम की जगह पुराने मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाए।
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Source : News Nation Bureau