कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के 'उत्तर-दक्षिण भारत' वाली टिप्पणी पर उन्हीं के पार्टी के नाम गुलाम नबी आजाद ने बिना नाम लिए बड़ा बयान दिया है. गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हम हर क्षेत्र, जाति और धर्म का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी का समान रूप से सम्मान करते हैं, यही हमारी ताकत है और हम इसे जारी रखेंगे. हालांकि गुलाम नबी आजाद ने अपने बयान पर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों को जिक्र किया था. लेकिन आजाद की सभी क्षेत्रों वालों बात को राहुल के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है.
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गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है. राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी. जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद आज जम्मू में आयोजित 'शांति सम्मेलन' में बोले रहे थे. जम्मू में कांग्रेस के बड़े बागी नेताओं ने गांधी ग्लोबल फैमिली कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसका नाम 'शांति सम्मेलन' रखा गया है. इस सम्मेलन में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता पहुंचे हैं.
आजाद के अलावा कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने तो सीधे-सीधे परोक्ष रूप से गांधी परिवार की समझ को ही आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते थे के गुलाम नबी आजाद कभी संसद से मुक्त हों. उनके पास अनुभव है और कांग्रेस इनके अनुभव को समझ नहीं पा रही है. पता नहीं क्यों? सिब्बल के ही सुर में सुर मिलाते हुए आनंद शर्मा और भूपेंद्र सिंह हूडा ने भी अपने मन की बात की. उन्होंने जम्मू में आयोजित 'शांति सम्मेलन' में कहा कि हम नहीं चाहते थे गुलाम नबी आज़ाद को पार्लियामेंट से मुक्त किया जाए. ऐसा इसलिए की गुलाम नबी आजाद के पास अनुभव है. हमें यह समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेस पार्टी इनके अनुभव को समझ क्यों नहीं पा रही.
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बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के स्थायी अध्यक्ष और संगठन की बात करने वाले कपिल सिब्बल ने कहा कि हम कांग्रेस के हर जिले में मजबूत करना चाहते थे. हम नहीं चाहते कि सशक्त विपक्ष की गैरमौजूदगी में देश कमजोर पड़े. इसके लिए हम कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार भी हैं. इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि सरकार जो गांधी के नाम पर बोलती है वह करती नहीं. गांधीजी सच के रास्ते पर चलते थे, लेकिन यह सरकार झूठ के रास्ते चल रही है. गांधीजी अहिंसा के रास्ते पर चलते थे और ये हिंसा के रास्ते पर चल रहे हैं.
Source : News Nation Bureau