कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam nabi azad) एक बार फिर से कश्मीरियत राग अलापा है. करीब सात महीने बाद रिहा हुए फारूख अब्दुल्ला (farooq abdullah) और गुलाम नबी आजाद की मुलाकात हुई. मुलाकात के बाद गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए जम्मू-कश्मीर का मुद्दा फिर से उठाया.
गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने का निर्णय जम्मू-कश्मीर के लोगों का अपमान है. इसे निरस्त करना होगा. जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य घोषित किया जाना चाहिए.'
मुझे समझ नहीं आ रहा है कि अब्दुल्ला को बंद क्यों किया गया
फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता आजाद ने कहा, 'साढ़े सात महीने के बाद इनसे मुलाकात हुई. मुझे आज तक समझ नहीं आया कि इन्हें नजरबंद क्यों किया गया था. 370 आने से पहले ही इन्हें नजरबंद कर दिया गया था.
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उन्होंने आगे कहा, 'लीडरों को तोते की तरह पिंजरे में बंद करने से कश्मीर में तरक्की नहीं होगी. लीडरों को छोड़ देना होगा, रिहा करना होगा, राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी होगी. यहां चुनाव करवाए जाएं और जम्मू-कश्मीर के लोग जिसे चाहें, वो सरकार चुन कर आए.'
सात महीने बाद फारूक अब्दुल्ला से हटाया गया नजरबंदी
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद आज श्रीनगर पहुंचे और वहां डॉ फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की. वह एयरपोर्ट से सीधा गुपकार स्थित डॉ फारूक अब्दुल्ला के घर पहुंचे. करीब सात महीने से हिरासत में रखे गए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मौजूदा सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला को कल रिहा कर दिया गया था. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गत शुक्रवार को पहले डॉ फारूक पर लगाया गया जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) तत्काल प्रभाव से हटाया और उसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.