कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि हिंदू नेता अब उन्हें चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाते हैं. वह इस ओर इशारा करते दिखे कि जब से मोदी सरकार केंद्र में आई है तब से देश में सांप्रदायिक सौहाद्रता खत्म होती जा रही है. गुलाम नबी बुधवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम के सिलसिले में आए थे. यहां उन्होंने पिछले 4 साल में केंद्र सरकार के शासन-प्रशासन की शैली पर सवाल उठाए हैं.
गुलाम नबी ने कहा कि पहले वह कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रचार के लिए विभिन्न जगहों पर जाते थे, पर अब हिंदु नेता अपना वोट बैंक कम होने के डर से उन्हें नहीं बुलाते हैं. उन्होंने कहा कि 'अब कांग्रेस के हिंदू उम्मीदवार मुझे चुनाव में प्रचार के लिए नहीं बुलाते क्योंकि उन्हें वोट कटने का डर होता है.'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब वक्त बदल रहा है. लोग आपस बंट रहे हैं, परिवार आपस में बंट रहे हैं.
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उन्होंने पहले के चुनाव प्रचार प्रक्रिया को याद करते हुए कहा कि जब वह युवा कांग्रेस में थे तब से ही अंडमान-निकोबार से लेकर लक्षद्वीप तक, देश के हर कोने में प्रचार के लिए जाते थे. गुलाम नबी आजाद ने दावा करते हुए कहा कि पहले पार्टी के लगभग 95 फीसदी हिंदू भाई उन्हें चुनाव प्रचारों में बुलाया करते थे. जिसमें मुस्लिम नेताओं का केवल 5 फीसदी हिस्सा ही उन्हें बुलाता था. इस बयान के जरिये उन्होंने वर्तमान केंद्र सरकार को इस बात का जिम्मेदार ठहराया कि उन्होंने हिंदु मुस्लिम वोट बैंक का ध्रुवीकरण किया है.
Source : News Nation Bureau