देश भर में लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति इन दिनों चर्चाओं में है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने सात बार के सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी को नजरअंदाज करके भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर क्यों चुना. बता दें, कांग्रेस लगातार मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साध रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने कोडिकुन्निल सुरेश को नजरअंदाज करके परंपरा तोड़ी है. नियम के अनुसार वरिष्ठम सदस्य को यह पद दिया जाना चाहिए था और सुरेश आठ बार के सांसद है.
एक्स पर साधा निशाना
जयराम रमेश ने रविवार को एक्स पर लिखा कि कांग्रेस के सुरेश आठ बार के सांसद हैं. प्रोटेम स्पीकर उन्हें ही नियुक्त किया जाना था पर लेकिन भाजपा के महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया. रमेश ने कहा कि भाजपा ने अपने सांसद जिगाजिनागी के नाम पर विचार क्यों नहीं किया? वे भी तो लगतार सात बार के सांसद हैं. क्या सिर्फ इसलिए कि जिगजिनागी भी सुरेश की तरह दलित हैं.
शहजाद पूनावाला ने दी प्रतिक्रिया
जयराम के सवाल का भाजपा सांसद शहजाद पूनावाला ने उत्तर दिया. उन्होंने एक्स पर कहा कि अगर आप सुरेश को लेकर इतने चिंतित हैं तो मैं आपसे अपील करता हूं कि उन्हें लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाएं और केरल विधानसभा चुनाव में सुरेश को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाएं. एक अस्थाई पद के लिए इतना विवाद क्यों कर रहे हैं.
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संसदीय कार्यमंत्री ने साधा निशाना
मामले में हाल ही में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधा था. उन्होंने कांग्रेस पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि प्रोटेम स्पीकर के चयन में परंपराओं का पालन किया गया है. मुझे शर्म आती है, कांग्रेस इस तरह की बयानबाजी कर रही है. रिजिजू ने शुक्रवार को दावा करते हुए कहा था कि सुरेश आठ बार के सांसद है लेकिन 1998 और 2004 में वह लोकसभा के सदस्य नहीं थे. इस हिसाब से सुरेश लगातार आठ बार के सांसद नहीं हुए. ‘सुरेश दलित हैं, इस वजह से क्या सुरेश को नजरअंदाज किया गया’ कांग्रेस के इस आरोप के सवाल पर रिजिजू ने कहा कि आपको लगता है ऐसी बयानबाजी जायज है. उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर झूठे और भ्रामक बयान देने के आरोप लगाए.
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