वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा जो भी भारत में पैदा होता है उसे यहां की नागरिकता अपने आप ही मिल जाती है और जो व्यक्ति पिछले 11 सालों से देश में रह रहा हो उसे भी यहां की नागरिकता अपने आप मिल जाती है और जो लोग यहां की नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं उन पर केंद्र सरकार विचार करती है. इन प्रावधानों के बाद इस मामले में धर्म का कोई लेना-देना नहीं है.
कपिल सिब्बल: 9 दिसंबर 2019 को अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि CAA के पास होने के बाद देश भर में NRC कराया जाएगा। इसलिए ये कहना झूठ है कि CAA और NRC में कोई संबंध नहीं है। https://t.co/C3rk2ixSt2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 21, 2020
कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि मैं पीएम मोदी जी से कहना चाहता हूं कि संविधान और कानून में कहीं भी नागरिकता धर्म के आधार पर हो ऐसा कहीं नहीं लिखा है, इसीलिए हम इस नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह धर्म के आधार पर है. कपिल सिब्बल यहीं पर चुप नहीं हुए उन्होंने पीएम मोदी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को और गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देता हूं कि वो इस मुद्दे पर आकर मुझसे डीबेट करें. सिब्बल ने बताया 9 दिसंबर 2019 को अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि CAA के पास होने के बाद देश भर में NRC कराया जाएगा. इसलिए ये कहना झूठ है कि CAA और NRC में कोई संबंध नहीं है.
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि आईएमएफ ये कहती है कि विकास दर 4.8 हो गया है. देश के 63 प्रतिशत ग्रेजुएट युवा बेरोजगार हैं देश में रोजगार है ही नहीं और आप बात कर रहे हैं नागरिकता कानून (CAA) और नागरिकता जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की. कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी और गृहमंत्री पर हमला जारी रखते हुए कहा कि ये लोग देश की समस्या को भूल चुके हैं इन्हें सिर्फ सत्ता चाहिए.
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आपको बता दें कि इसके पहले 18 जनवरी (शनिवार) को कपिल सिब्बल ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर कहा था कि संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने से कोई राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता और ऐसा करना असंवैधानिक होगा. पूर्व कानून एवं न्याय मंत्री ने केरल साहित्य उत्सव के तीसरे दिन कहा कि जब सीएए पारित हो चुका है तो कोई भी राज्य यह नहीं कह सकता कि मैं उसे लागू नहीं करूंगा. यह संभव नहीं है और असंवैधानिक है.