अयोध्या में भगवान राम की सबसे बड़ी मूर्ति निर्माण के ऐलान के बाद अब सीता जी की मूर्ति बनाने की मांग उठी है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॅा. करन सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या में इस मामले को लेकर पत्र लिखा है. उन्होंने मांग की है कि अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की ऊंचाई थोड़ी कम कर के उनके साथ में माता सीता की मूर्ति भी लगाई जाए.
कांग्रेस नेता ने पत्र में लिखा, 'पिछले सप्ताह मैं बिहार का सिमरिया गया, जहां मुरारी बापू की कथा चल रही थी और साहित्य सम्मेलन भी हो रहा था जिसका उद्धघाटन मैंने किया. यहा मिथिला की धरती है और वहां मुझे एक विचार आया जिसका मैंने अपने भाषण में उल्लेख किया और उसी को इस पत्र के द्वारा आप तक पहुंचा रहा हूं.'
करन सिंह ने आगे लिखा, 'राजा जनक की भूमि मिथिला, सीता माता की भूमि भी मानी जाती है. यहीं सीता जी प्रकट हुई और यहीं उनका श्रीराम के साथ विवाह पूरा हुआ. किस्मत का खेल देखिए विवाह के बाद ही उन्हे 14 साल का वनवास झेलना पड़ा और इसी दौरान उनका अपहरण भी हुआ. श्रीलंका में कैदी बनकर रही. इसके बाद फिर अयोध्या वापस आई तो फिर से उन्हें वनवास झेलना पड़ा.'
उन्होंने आगे लिखा, 'इन सब को याद कर मेरे दिल में एक सुझाव आया है कि जब अयोध्या में भगवान राम की भव्य मूर्ति बनाने का निर्णय लिया गया है, तो उसकी ऊंचाई आधी करके राम और सीता की युगल प्रतिमा लगाई जाए. कम से कम कई सालों बाद सीता जी को अपना उचित स्थान तो मिलेगा. मुझे विश्वास है कि आप मेरे सुझाव को स्वीकार करेंगे.'
Senior Congress leader Dr. Karan Singh writes to Chief Minister Yogi Adityanath, proposing a statue of Goddess Sita in addition to the planned Lord Ram statue in Ayodhya. pic.twitter.com/pq9TpcfaQo
— ANI UP (@ANINewsUP) December 13, 2018
बता दें कि योगी सरकार ने राम की विशाल प्रतिमा बनाने की घोषणा की है. जानकारी के मुताबिक प्रतिमा की ऊंचाई 221 मीटर होगी जो हाल ही में गुजरात में बनी सरदार पटेल की मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' से भी ऊंची होगी.
हालांकि इसमें केवल राम की मूर्ति की ऊंचाई 151 मीटर होगी, वहीं राम की मूर्ति के नीचे की चौकी यानी कि स्तंभ के नीचे राम से जुड़ी इतिहास संबंधी जानकारी और संग्राहलय बना होगा.
वहीं राम के सर पर बनी छतरी की ऊंचाई 20 मीटर होगी जबकि चौकी की ऊंचाई 50 मीटर होगी. यह प्रतिमा कांसे से बनाई जाएगी और इस मॉडल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुमोदित किया है. हालांकि प्रतिमा का निर्माण कहां होगा उसपर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. साथ ही इसके निर्माण में खर्च संबंधी जानकारी भी नहीं दी गई है और न ही खर्च किए जाने वाले पैसे का श्रोत बताया गया है.
Source : News Nation Bureau