कांग्रेस नेता (Congress) मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने एयर इंडिया (Air India) के विनिवेश (Disinvestment) की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि नागर विमानन मंत्रालय (Ministry Of Civil Aviation) इच्छुक बोलीदाताओं के नाम सार्वजनिक नहीं करना चाहता है.
उन्होंने आगे लिखा है कि मोदी सरकार इसके लिए इतनी गोपनीयता और अपारदर्शिता क्यों रख रही है. उन्होंने लिखा है कि विनिवेश की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होनी चाहिए और साथ ही बोलीदाताओं के नाम भी सार्वजनिक किए जाने चाहिए.
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पिछले वित्त वर्ष तक एयर इंडिया के ऊपर कुल 38,366 करोड़ रुपये का था कर्ज
बता दें कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि एयर इंडिया के कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की विनिवेश की प्रक्रिया पटरी पर है. बता दें कि पिछले वित्त वर्ष तक एयर इंडिया के ऊपर कुल 38,366 करोड़ रुपये का कर्ज था. उन्होंने कहा था कि वित्त मंत्रालय के निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के मार्गदर्शन के अनुसार एयर इंडिया के कर्मचारियों के हित को सुरक्षित रखने की कोशिश की जाएगी.
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गौरतलब है कि एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में भी एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा जाएगा. एयर इंडिया एसएटीएस एयरपार्ट सविर्सिज प्रा लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जाएगी. अभिरुचि पत्र आमंत्रित करने के लिए 27 जनवरी, 2020 को प्रारंभिक सूचना ज्ञापन को जारी किया गया था. बता दें कि कोरोनो वायरस महामारी की वजह से अभिरुचि पत्र की समयसीमा को कई बार बढ़ा दिया गया था. इसकी आखिरी तारीख 14 दिसंबर, 2020 थी. बता दें कि एयर इंडिया के अधिग्रहण में रुचि रखने वाले निवेशकों को 14 दिसंबर 2020 के बाद 15 दिन के भीतर भौतिक रूप से बोली सौंपनी थी.