शिवसेना नेता संजय राउत इंदिरा गांधी को लेकर दिए गए बयान पर सफाई गुरुवार को दिया. लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस की नाराजगी कम नहीं हो रही है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता नितिन राउत ने संजय राउत के इंदिरा गांधी और करीम लाला के बयान पर कहा कि ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
नितिन राउत ने कहा, 'इंदिरा गांधी हमारी नेता और आराध्य थीं. संजय राउत बीजेपी के खिलाफ तब भी टिप्पणी करते थे, जब वे सरकार का हिस्सा थे, लेकिन अगर उन्हें लगता है कि हम उनकी तरह सुनते रहेंगे, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं.'
वहीं हाजी मस्तान के बेटे सुंदर शेखर ने संजय राउत के बयान का समर्थन किया है. सुंदर शेखर ने कहा कि इंदिरा गांधी करीम लाल से मुलाकात की थीं. कई अन्य नेता भी आते थे उनसे मिलने. हाजी मस्तान एक व्यापारी थे. बालासाहेब ठाकरे भी हाजी मस्तान के अच्छे दोस्त थे.
वहीं संजय राउत ने अपने बयान को वापस लेते हुए सफाई दी कि अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी की छवि को नुकसान पहुंचा या किसी की भावनाएं आहत हुईं, तो मैं उसे वापस लेता हूं.’
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राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘मैंने पहले भी उनका (गांधी का) पक्ष लिया है और उन लोगों से लड़ा हूं जिन्होंने उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया. जबकि कुछ मामलों में तो, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी चुप्पी साधे रखी.
Source : News Nation Bureau