रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की यस बैंक (Yes Bank) पर पाबंदी की कार्रवाई के बाद ग्राहकों की बेचैनी बढ़ गई है. यस बैंक को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्रेस वार्ता की. इसके बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वित्त मंत्री द्वारा मीडिया को एड्रेस करते सुना. यह स्पष्ट है कि संकट 2017 से बना हुआ है और सरकार ने व्यावहारिक रूप से 'आरबीआई से बात' के अलावा कुछ भी नहीं किया है.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विलय के निर्णय आरबीआई गवर्नर डॉ. सी रंगराजन और डॉ. वाईवी रेड्डी द्वारा लिए गए थे. वित्त मंत्री उन्हें क्यों नहीं बुलाती हैं और उन्हें अपने फैसले समझाने के लिए कहती है? वह पाती की निर्णय सही थे और सक्षम गवर्नरों द्वारा लिए गए थे. उन्होंने आगे कहा कि आज सरकार क्या कर रही है? क्या सरकार कमजोर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विलय नहीं कर रही है?. स्वाभाविक रूप से, वित्त मंत्री ने UPA की 'विरासत' को दोषी ठहराया. वह यही कहेंगी भाजपा सरकार के बाकी कार्यकाल के लिए भी!.
नोटबंदी ने हालात को और बिगाड़ा
वित्त निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (p chidambaram) ने येस बैंक (Yes Bank) के मामले में मोदी सरकार पर हमला बोला था. पी चिदंबरम (Chidambaram ) ने आरोप लगाया कि एनडीए (NDA) राज में बैड लोन में चार गुना इजाफा हुआ है. इसके साथ ही नोटबंदी ने हालात को और बिगाड़ दिया है.
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पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया कि यह वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित एवं विनियमित करने की सरकार की क्षमता को दिखाता है. पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया,‘बीजेपी 6 साल से सत्ता में है. वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है.’ उन्होंने सवाल किया, ‘पहले पीएमसी बैंक (PMC Bank), अब येस बैंक (Yes Bank). क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? क्या अब कतार में कोई तीसरा बैंक है?.’