पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (Congress Leader P. Chidambaram) को 106 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आईएनएक्स मीडिया केस (INX Media CAse) के ईडी वाले केस में जमानत दे दी है. उन्हें यह जमानत दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर दी गई है. जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई कर 28 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पी. चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के उन्हें जमानत न देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील दायर की थी.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ईडी की हिरासत में थे. पी चिदंबरम इस मामले को प्रभावित कर सकते हैं, इस बिना पर ईडी ने उनकी जमानत अर्जी का विरोध किया था. दूसरी ओर, चिदंबरम का तर्क था कि एजेंसी के आरोप निराधार हैं और वह उनका करियर खत्म नहीं कर सकती. ईडी ने उन्हें इसी साल 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.
पी चिदंबरम की जमानत अर्जी पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पी. चिदंबरम को सबूतों और गवाहों को प्रभावित नहीं करना चाहिए. वे इस मामले के संबंध में पत्रकारों को इंटरव्यू नहीं दे सकते और सार्वजनिक रूप से बयान भी नहीं दे सकते. सुप्रीम कोर्ट ने पी. चिदंबरम को निर्देश दिया कि वे 2 लाख रुपये की जमानत राशि पेश करें. कोर्ट ने यह भी कहा कि कोर्ट की अनुमति के बगैर पी चिदंबरम विदेश यात्रा नहीं कर सकते.
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इससे पहले, जमानत पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दावा किया था कि पूर्व वित्त मंत्री हिरासत में होने के बावजूद महत्वपूर्ण गवाहों पर अपना ‘प्रभाव’ रखते हैं. जांच में निदेशालय ने 12 बैंक खातों की पहचान की है, जिनमें इस अपराध से मिली रकम जमा की गई और एजेंसी के पास ऐसी 12 संपत्तियों का भी ब्योरा है, जिन्हें कई अन्य देशों में खरीदा गया है.
पी. चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने एएनआई को बताया, वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अधीनस्थ कोर्ट से हासिल करेंगे. उसके बाद जमानत राशि जमा कराने की कार्यवाही पूरी की जाएगी. उसके बाद ही पी. चिदंबरम को जेल से रिहा करने का आदेश जारी किया जाएगा. रिलीज ऑर्डर मिलते ही पी. चिदंबरम रिहा हो जाएंगे.
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गौर हो कि सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक मामला दर्ज किया था जिसमें आरोप था कि 2007 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा INX मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त करने की मंजूरी देने में अनियमितताएं बरती गई थीं. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो