एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रायबरेली में कांग्रेस को कोस रहे थे, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने रविवार को उन्हें मिस्टर गुमराह नाम दिया. प्रमोद तिवारी ने कहा, जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को गुमराह करते हैं, मेरे दिमाग में उनके लिए एक नया नाम आया है- मिस्टर गुमराह. इनका नाम मिस्टर गुमराह है. विधानसभा चुनाव के परिणामों से उत्साहित कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब सीधे तौर पर आड़े हाथों लेने लगे हैं. पहले कांग्रेस के नेता सीधे तौर पर प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेने से बचते थे, लेकिन अब प्रमोद तिवारी ने कहा, प्रधानमंत्री देश को गुमराह करते हैं, सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करते हैं, किसानों को गुमराह करते हैं, नौजवानों को गुमराह करते है, गुमराही के अलावा देश को मोदी जी से कुछ नहीं मिला.
P Tiwari: Jis tarah PM gumrah karte hain mere dimag mein ek naya naam inke liye aaya hai. Inka naam Mr Gumrah hai. SC ko gumrah karte hain, desh ko gumrah karte hain, kisan ko gumrah karte hain, naujawan ko gumrah karte hain, gumrahi ke alawa desh ko Modi ji se kuch nahi mila. pic.twitter.com/Ya7Ya1zLso
— ANI (@ANI) December 16, 2018
दूसरी ओर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, सरकार ने गलत फैसला हासिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है. जब मामला पकड़ में आया तो सरकार ने कह दिया कि कोर्ट को समझने में गड़बड़ी की है. इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट से तत्काल इस फैसले को शून्य करार देने की मांग करते हैं.
Anand Sharma, Congress: Govt misled the Supreme Court to get a manipulated judgement & when this glaring error came to notice, they told the SC couldn’t understand English language. Therefore we demand that the SC immediately recall this judgement, which is void. #RafaleVerdict pic.twitter.com/ycJZRnh9Ey
— ANI (@ANI) December 16, 2018
इससे पहले राफेल पर फैसला आने के बाद सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में नई अर्जी दायर की थी. सरकार का कहना है कि राफेल मामले में सीलबंद कवर में दी गई उसकी जानकारी को कोर्ट ने फैसले की कुछ पंक्तियों में ग़लत तरीके से पेश कर दिया है. सरकार ने अर्जी में कहा है कि राफेल की कीमत की जानकारी कैग को दी गई है लेकिन अभी तक कैग की रिपोर्ट पीएसी (PubliC Account Committee) के सामने नहीं रखी गई है. हमने दरअसल कोर्ट को पूरी प्रकिया की जानकारी दी थी कि कैग की रिपोर्ट की पीएसी जांच करती है. उसके बाद रिपोर्ट संसद में रखी जायेगी, लेकिन फैसले में लिखा गया कि कैग की रिपोर्ट पीएसी देख चुकी है और रिपोर्ट संसद में रखी जा चुकी है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से फैसले के पैराग्राफ 25 की लाइनों में ज़रूरी बदलाव की मांग की है.