कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की हाल ही में लॉन्च हुई अपनी किताब 'Sunrise over Ayodhya' काफी चर्चा में है. दरअसल, अपनी किताब में सलमान ने हिंदुत्व की तुलना ISIS और बोको हरम से की है. यही वजह है कि उनकी किताब को लेकर बीजेपी और हिंदुवादी संगठनों में काफी बवाल मचा हुआ है. सलमान ने किताब के एक चैप्टर 'द सैफ्रन स्काई' में लिखा कि मौजूदा समय में हिंदुत्व का राजनीतिक रूप, साधु-संतों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को साइडलाइन कर रहा है. हिंदुत्व का यह सियासी चेहरा आईएसआईएस और बोको हरम जैसे जिहादी संगठनों जैसा ही है.
दिग्विजय सिंह ने भी साधा था निशाना
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं जब कांग्रेस के नेताओं ने हिंदुत्व और आरएसएस पर निशाना साधा है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि हिंदुत्व शब्द का हिंदू धर्म और सनातनी परंपराओं से कोई लेनादेना नहीं है. उन्होंने संघ पर हमला बोलते हुए कहा, विनायक दामोदर सावरकर धार्मिक व्यक्ति नहीं थे. गऊ को माता क्यों माना जाए? आरएसएस और भाजपा हिंदू को परिभाषित करने के लिए हिंदुत्व शब्द लाए. इससे लोग भ्रम में पड़ गए, क्योंकि आरएसएस अफवाह फैलाने में माहिर है. अब तो सोशल मीडिया के रूप में उन्हें बड़ा हथियार मिल गया है.
फूट डालो और राज करो के जरिये ही राज करने का संकल्प
सिंह ने कहा, आजकल कहा जा रहा है कि हिंदू खतरे में हैं. 500 साल के मुगलों-मुसलमानों के राज में हिंदू धर्म का कुछ नहीं बिगड़ा, 150 साल के ईसाइयों के शासन में हिंदू का कुछ नहीं बिगड़ा तो अब क्या खतरा हो सकता है? यह बहकावे की राजनीति है. लोग इनकी मंशा समझ गए हैं, इसलिए अब खतरा उस मानसिकता और उस विचारधारा को है, जिसने हमेशा से ही अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज करो के जरिये ही राज करने का संकल्प लिया है.
चिदंबरम ने बाबरी मस्जिद विध्वंस को शर्मनाक बताया
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बाबरी मस्जिद विध्वंस को शर्मनाक बताया है. उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और एपीजे अब्दुल कलाम के इस देश में बाबरी मस्जिद पर आया निष्कर्ष हमें हमेशा डराता रहेगा. पी चिदंबरम ने आगे कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी हमें यह कहते शर्म नहीं आती कि किसी ने भी बाबरी मस्जिद को नहीं ढाया.
RSS पर हमला बोलने वालों में राहुल गांधी का नाम भी शामिल
आरएसएस पर हमला बोलने वालों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम भी शामिल है. राहुल गांधी ने अपने एक बयान में कहा था कि आरएसएस ने अपने स्कूलों के जरिए हमला शुरू किया. जैसे पाकिस्तान के कट्टरपंथी इस्लामवादी अपने मदरसों का इस्तेमाल करते हैं, काफी कुछ उसी तरह आरएसएस अपने स्कूलों में एक खास तरह की दुनिया दिखाता है। कोई ये नहीं पूछता कि आरएसएस को पैसा कहां से मिलता है? सैकड़ों-हजारों स्कूल चलाने के लिए. वे मुनाफा कमाने वाले स्कूल नहीं है इसलिए कोई सवाल नहीं पूछ रहा। यह भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर कब्जा है और उसे उनके हाथों से वापस लेना ही होगा। इसमें मेहनत लगेगी और यह आसान नहीं होने वाला. हम एक लंबी समस्या की ओर देख रहे हैं.
Source : News Nation Bureau