लोकसभ चुनाव 2019 में कांग्रेस के विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की हार के बाद कांग्रेस को नेता सदन का चुनाव करना है. हालांकि कांग्रेस अभी उस जादुई नंबर से दूर है, जिससे उसे आधिकारिक रूप से विपक्षी दल का दर्जा हासिल होता. ऐसे में केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा है कि अगर पार्टी चाहे तो वे लोकसभा में पार्टी के नेता पद की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं. वे तिरुवनंतपुरम से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं. एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने यह बात कही.
उन्होंने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने की वकालत की. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पार्टी उनकी सहायता के लिए क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति पर विचार कर सकती है." उन्होंने माना कि कांग्रेस की मुख्य चुनावी थीम 'न्याय' को वोटरों के समक्ष ठीक से नहीं रखा गया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की 'नरम हिंदुत्व' की नीति की ओलाचना भी की.
बता दें कि कांग्रेस को 2014 में सिर्फ 44 तो इस बार मात्र 52 सीटें मिली हैं. जबकि लोकसभा में नेता विपक्ष पद के लिए एक पार्टी को 55 सांसदों का होना जरूरी है. पिछली बार भी कांग्रेस को यह पद नहीं मिला था, लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बने थे. इस बार वह भी चुनाव हार गए हैं.
HIGHLIGHTS
- शशि थरूर ने कहा, न्याय स्कीम के बारे में वोटरों को समझाया नहीं गया
- राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए, कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त हों
- तिरुवनंतपुरम से लगातार तीसरी बार चुने गए हैं कांग्रेस नेता शशि थरूर
Source : News Nation Bureau