शनिवार को 10 बजे का वक्त था असम के एनआरसी लिस्ट जारी करने का और उसी वक्त 10 जनपथ पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के यहां बैठक हो रही थी. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रभारी और असम के कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा और त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष प्रद्योत देव मौजूद थे.
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लोकसभा चुनाव में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह हर जनसभा में असम से बांग्लादेशी घुसपैठिये को बाहर करने की बात लगातार कह रहे थे, जिसपर कांग्रेस बहुत ज्यादा बोलने से बच रही थी. लेकिन, सोनिया गांधी के यहां जिस तरीके से बैठक हुई उससे साफ था कांग्रेस इस मामले को सही तरीके से उठाना चाहती है, क्योंकि जानकारी के मुताबिक, लिस्ट में ऐसे नाम हैं जिनका बचाव नहीं करने पर बीजेपी की किरकिरी होगी.
पूर्व कांग्रेस नेता और असम सरकार के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के बयान ने मामले की गंभीरता और बीजेपी की परेशानी का इजहार कर दिया. उन्होंने एनआरसी की रिपोर्ट पर ही सवाल खड़े कर दिए.
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शुक्रवार को जीडीपी की दर 5.8 से घटकर 5 फीसदी की खबर आने के बाद आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के फेल होने पर पार्टी के नेता अपना बयान देने लगे हैं. इसलिए ये तय हुआ कि एनआरसी मामले पर दिल्ली में बहुत ज्यादा बवाल नहीं किया जाए. असम के नेता अपने-अपने इलाके में उठाएं तो बेहतर होगा.