मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में हाई-प्रोफाइल नेताओं के बागी तेवर सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी में राजनीतिक संकट छाया हुआ है. इस बीच कांग्रेस नेता पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुनाव या नियुक्ति के लिए कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्ल्यूसी) को सामूहिक पत्र लिखने की तैयारी कर रहे हैं. सोनिया गांधी पिछले करीब एक वर्ष से अंतरिम अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभा रहीं हैं, मगर कांग्रेस नेता एक पूर्णकालिक अध्यक्ष चाहते हैं.
शीर्ष सूत्रों ने कहा कि नेताओं के समूह ने पार्टी संगठन के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए कम से कम दो बार मुलाकात की है और एक मसौदा पत्र तैयार किया जा रहा है। इस घटनाक्रम की पुष्टि करने वाले नेताओं में से एक ने इस कदम की पुष्टि की है. सूत्रों ने उनका नाम उजागर न करने की शर्त रखते हुए पुष्टि की है. सूत्रों ने कहा कि नेताओं का समूह इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श करना चाहता है. सूत्रों ने कहा, यह कदम राहुल गांधी के खिलाफ नहीं है, क्योंकि उनका एकमात्र मकसद एक स्थायी अध्यक्ष के लिए है और पार्टी में कमान की एक स्पष्ट लाइन होनी चाहिए.
एक सूत्र ने कहा कि कोई भी पार्टी अध्यक्ष बन सकता है और राहुल गांधी बनते हैं तो अच्छा है. सूत्र ने कहा कि अगर राहुल अध्यक्ष के तौर पर वापस नहीं आते हैं तो उनकी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, क्योंकि कई कांग्रेस नेता राहुल के कार्यालय की मध्यस्थता से परेशान हैं, जिसमें अक्सर स्पष्टता का अभाव होता है. सीडब्ल्यूसी के साथ इस मुद्दे को उठाने की प्रक्रिया में शामिल लोग पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और संप्रग सरकार में केंद्रीय मंत्री और सांसद रहे हैं.
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कांग्रेस के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि नेताओं पर पार्टी का नियंत्रण वर्षों से कमजोर हो गया है और इस तरह इसे पुनर्गठित करने की आवश्यकता है. इन नेताओं का मानना है कि क्षेत्रीय क्षत्रप या तो पार्टी में पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं या पार्टी के साथ तालमेल ही नहीं बना पा रहे हैं.
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सोनिया गांधी ने पिछले साल अगस्त में अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पार्टी की कमान संभाली थी. उस समय राहुल गांधी ने आम चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद इस्तीफा दे दिया था. राहुल ने चुनाव में हार के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दोषी ठहराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वे केवल अपने परिजनों के लिए काम कर रहे हैं और पार्टी में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.राहुल ने यह भी संकेत दिया था कि वह निकट भविष्य में इस पद पर नहीं लौटेंगे.