कांग्रेस ने उन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ जवाबी हमला किया है, जिन्होंने पार्टी के बारे में सार्वजनिक रूप से बयान दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के हालिया बयान को लेकर कहा कि पार्टी के आंतरिक कामकाज को लेकर वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक मंचों से बात नहीं करनी चाहिए और वो जो सलाह दे रहे हैं, उन्हें इनको खुद भी आत्मसात करना चाहिए. पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि अगर इन नेताओं के पास कोई सुझाव है तो कांग्रेस इन्हें सुनने के लिए तैयार है, लेकिन उन्हें अपनी बात पार्टी के मंच पर रखनी चाहिए.
उन्होंने कहा, 'वरिष्ठ नेताओं की पार्टी नेतृत्व तक पहुंच है, वे उन तक अपनी बात पहुंचाएं. उन्हें सार्वजनिक रूप से बोलने से बचना चाहिए.' खेड़ा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद, जो सीडब्ल्यूसी चुनावों के लिए जोर दे रहे हैं, वह सीडब्ल्यूसी के एक नामित सदस्य हैं, जो सार्वजनिक बयान देने के बजाय फोन उठाकर किसी को भी कॉल कर सकते हैं. दरअसल बिहार उपचुनाव में महागठबंधन को हार मिलने को लेकर कांग्रेस पर उसके ही नेताओं की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं. खेड़ा ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि वरिष्ठ नेता सबसे अच्छा उदाहरण सामने रखेंगे.'
बता दें कि बीते दिनों पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी कांग्रेस के नेतृत्व और बिहार में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर सवाल खड़ा किया था. वह यह भी कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी बिना अध्यक्ष के लंबे वक्त से काम कर रही है. इसके बाद वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी हाल ही में पार्टी के रणनीतिकारों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा है कि पांच सितारा होटलों में बैठकर चुनाव नहीं लड़े जाते. आजाद ने पार्टी के नेतृत्व और कामकाज पर सवाल उठाया है और मांग की है कि पार्टी को संगठन को मजबूत करने और इसे और अधिक जिम्मेदार बनाने के लिए चुनाव कराने चाहिए.
असंतुष्टों के खिलाफ लगाए गए विद्रोह के आरोपों को खारिज करते हुए, राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा, 'हम सुधारवादी हैं और पार्टी का पुनरुद्धार चाहते हैं.' आजाद ने कहा कि पार्टी के विभिन्न स्तरों पर चुनाव होने चाहिए, ताकि लोग जिम्मेदार बनें और पार्टी के लिए काम करें. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को चुनाव के दौरान जमीनी स्तर पर अधिक सक्रिय होना चाहिए. वहीं सिब्बल ने भी पार्टी संगठन को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि वह सार्वजनिक रूप से बोलने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि पार्टी के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पार्टी में कोई मंच नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को चुनावों का प्रबंधन करने के लिए कुशल और वरिष्ठ नेताओं की जरूरत है.
Source : News Nation Bureau