कांग्रेस के वरिष्ठ असंतुष्ट नेताओं के समूह और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच शनिवार सुबह 10 बजे उनके निवास पर अहम बैठक होगी. कांग्रेस के वरिष्ठ असंतुष्ट नेताओं के समूह को जी-23 के रूप में जाना जाता है. बैठक में पार्टी के स्थायी अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चा हो सकती है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी को एक बार फिर पार्टी की कमान देने का फैसला किया जा सकता है. हालांकि पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद राहुल ने कहा था कि वह चाहते हैं कि गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता अध्यक्ष चुना जाए.
23 शीर्ष नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक सुधार की मांग के बाद यह पहली बार आमने-सामने की बैठक होगी. बैठक को बागी गुटों के बीच 'सुलह' की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिन्हें पार्टी प्रमुख के साथ मुलाकात की मांग करने पर नजरअंदाज कर दिया गया था. सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने पार्टी नेतृत्व और अन्य लोगों के गुट के बीच आई तल्खी को कम करने का जिम्मा वरिष्ठ नेता कमलनाथ को सौंपने का फैसला किया है.
यह भी पढ़ेंः दीदी ने TMC का बिखरा कुनबा बटोरना शुरू किया, जीतेंद्र तिवारी का यू-टर्न
उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है. एक तरफ चुनाव है तो दूसरी तरह कांग्रेस में नए अध्यक्ष के चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. इन सबके बीच शुक्रवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि वह और पार्टी के 99.9 फीसदी लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष चुने जाएं. उन्होंने यह भी साफ किया कि जल्द ही नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी.
हालांकि, राहुल गांधी फिलहाल इसके लिए राजी नहीं दिख रहे. बैठक में उन्हें इसके लिए मनाने की कोशिशें हो सकती हैं. पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद राहुल ने कहा था कि वह चाहते हैं कि गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता अध्यक्ष चुना जाए. तब मुकुल वासनिक, मीरा कुमार जैसे कुछ नेताओं के नाम की चर्चा भी रही थी. अब अगर राहुल अध्यक्ष पद के लिए तैयार नहीं होते हैं तो परिवार से बाहर के किसी नेता को पार्टी की कमान देने पर मंथन हो सकता है. ऐसे में गांधी परिवार के किसी करीबी और भरोसेमंद को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है.
यह भी पढ़ेंः बीकेयू नेता टिकैत ने एमएसपी पर प्रधानमंत्री के दावे को खारिज किया
सूत्र ने कहा कि इसके अलावा कमलनाथ कई राज्यों में पार्टी के निचले स्तर के प्रदर्शन से चिंतित हैं. 23 वरिष्ठ नेताओं के इस साल अगस्त में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सक्रिय नेतृत्व की मांग किए जाने के बाद कांग्रेस नेतृत्व आश्चर्यचकित रह गया था. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के बाद कमलनाथ ने इस साल मार्च में सत्ता गंवा दी थी. कमलनाथ इससे पहले पार्टी के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आठ दिसंबर को सोनिया गांधी से उनके आवास पर मिले थे.
सोनिया, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के अलावा, ए. के. एंटनी, पी. चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, शशि थरूर, भूपिंदर सिंह हुड्डा, पृथ्वी राज चौहान सहित कई वरिष्ठ नेता बैठक में मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी बैठक में मौजूद रहेंगे. आधिकारिक एजेंडा किसानों के आंदोलन से उत्पन्न वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करना है.