लोकसभा में कांग्रेस की सांसद रंजीत रंजन ने उत्तर प्रदेश सरकार पर ख़ास जातियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में 'रोमियोरोधी' दस्ते के गठन पर भी सवाल उठाया।
गुरुवार को संसद में शून्यकाल के दौरान अपना बयान देते हुए रंजीत रंजन ने कहा की यूपी में यादव और कुछ अन्य जातियों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'एक आईपीएस अधिकारी का कहना है कि एक खास जाति को निशाना बनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से यादवों, मुस्लिमों और दलितों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है, वह हमारे संविधान के खिलाफ है।'
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रंजन ने कहा, 'मैं यह नहीं कहती कि मैं अश्लीलता के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन, वे किस अधिकार से लड़के और लड़कियों को साथ चलने से रोक रहे हैं। यहां तक कि भाई और बहन अगर साथ चलें, तो उसे भी संदिग्ध की नजरों से देखा जा रहा है। क्या प्यार करना जुर्म है? क्या अब गर्लफ्रेंड और ब्यायफ्रेंड बनना भी जुर्म है? क्या सरकार निर्धारित करेगी कि पार्क में किस तरीके से बैठना है?'
जवाब में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि राज्य में जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा।
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राजनाथ सिंह ने कहा, 'अभी सरकार गठन के केवल दो-तीन दिन हुए है। वहां जाति, पंथ या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा। मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) का भी यही कहना है। कोई भेदभाव नहीं होगा।'
2010 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हिमांशु कुमार, जो लखनऊ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय में पदास्थापित हैं, ने एक ट्वीट में कहा कि 'यादव' उपनाम वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि, बाद में उन्होंने वह ट्वीट हटा दिया।
रंजन ने 'रोमियोरोधी दस्ते' की भी कड़ी आलोचना की जिसका विधानसभा चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में गठन किया गया है।
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Source : IANS