आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि संघ के सबको साथ लेकर चलने की सोच पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत एक राजनीतिक नारा है और ये संघ की भाषा का हिस्सा नहीं है।
दरअसल बीजेपी आलाकमान जो संघ को अपने विचारधारा का स्रोत मानते हैं उनका नारा है कि देश को कांग्रेस से मुक्त किया जाए।
पुणे में एक किताब के लोकार्पण के लिये आयजित कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, 'ये राजनीतिक नारे हैं। ये आरएसएस की भाषा नहीं है। ये मुक्त शब्द राजनीति में इस्तेमाल किया जाता है। हम इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करते हैं।'
उन्होंने कहा, 'हमें देश के निर्माण में सबको साथ लेकर चलना है, जो हमारे विरोधी हैं वो भी इसमें शामिल हैं।'
फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा था कि वो महात्मा गांधी के स्वप्न 'कांग्रेस मुक्त भारत' को सच करने में लगे हैं। साथ ही उन्होंने कांग्रेस की आलोचना भी की थी कि वो देश के विकास की कीमत पर सिर्फ गांधी परिवार का हित देखता है।
भागवत भारतीय विदेश विभाग में कार्यरत ध्यानेश्वर मुले की किताब का लोकार्पण करने आए थे।
भागवत ने परिवर्तन लाने के लिये सकारात्मक तरीका अपनाने की ज़रूरत पर जोर देते हुए कहा कि नकारात्मक तरीके से सिर्फ वैमनस्य और अलगाव ही होता है।
उन्होंने कहा. 'इस तरह के लोग देश निर्माण के लिये उपयुक्त नहीं होते हैं।'
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संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदुत्व को देखें तो इसका साफ अर्थ है कि वो खुद में, अपने परिवार और देश में भरोसा करे।
उन्होंने कहा, 'अगर किसी को खुद में, अपने परिवार और देश में भरोसा है तो वो देश के समग्र विकास में काम कर सकता है।'
भागवत ने मुले की तारीफ करते हुए कहा कि वो आम लोगों के बीत में जाकर काम करते हैं और विदेशों के काम करने के बाद भी अपनी मातृभूमि से जुड़े रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau