शनिवार को संसदीय दल (Parliament Committee) की बैठक के बाद कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader Of Opposition) पद के लिए दावा नहीं करेगी. ऐसा लगातार दूसरी बार होगा कि लोकसभा (Loksabha) को नेता प्रतिपक्ष नहीं मिलेगा. इसकी वजह यह है कि जरूरी संख्या बल जुटाने में कांग्रेस 17वीं लोकसभा में भी चूक गई है. पिछली लोकसभा में उसके 44 सांसद थे, तो इस बार 52 सांसद ही जीत कर पहुंचे हैं. नेता प्रतिपक्ष के लिए विपक्ष के पास लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 10 फीसदी संख्याबल होना जरूरी है.
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मुख्य विपक्षी पार्टी कहलाने की दरकार
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नियमित प्रेस कांफ्रेंस में भी स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी कोई मांग पार्टी (Congress) की तरफ से नहीं रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि 'यह सामान्य व्यवस्था है कि कुल सांसद संख्या में से 10% सीटें किसी एक पार्टी के पास होनी चाहिए. उसके बाद ही नेता विपक्ष का दर्जा मिल सकता है. संख्या बल के लिहाज से हमारी सीटें 2 कम हैं. हालांकि, यह बहुत कुछ सरकार (PM Modi) पर भी निर्भर करता है कि वह संख्या बल कम होने के बावजूद किसी एक पार्टी को मुख्य विपक्षी (Main Opposition Party) पार्टी के तौर पर दर्जा देना चाहती है या नहीं.'
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राहुल ने कहा लड़ाई जारी रहेगी
रणदीप सिंह सुरजेवाला की प्रेस कांफ्रेस से पहले ही कांग्रेस संसदीय दल (CPC) की बैठक भी हुई. बैठक में संसदीय दल के नेता के तौर पर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को फिर से चुना गया है. संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने फिर दोहराया कि वह संवैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त नहीं होने देंगे. इसके लिए इंच-इंच (Inch Inch Fight) की लड़ाई लड़ने को कांग्रेस तैयार है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के गरीबों, शोषितों और अल्सपसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ना जारी रखेगी.
HIGHLIGHTS
- संख्याबल कम होने के कारण कांग्रेस नहीं करेगी नेता प्रतिपक्ष पद पर दावा.
- हालांकि मुख्य विपक्षी पार्टी कहलाने की इच्छा जरूर है कांग्रेस में.
- संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी चुनी गईं संसदीय दल की नेता.
Source : News Nation Bureau