असम में सत्तारूढ़ भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के आक्रामक अभियान में, कांग्रेस कई वादे कर रही है. इसमें से सबसे प्रमुख वादे -पांच लाख स्थानीय लोगों को नौकरी देना और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को राज्य में लागू नहीं होने देना है. वादों को 'गारंटी' कहते हुए, कांग्रेस भाजपा को सत्ता से हटाने और सत्ता में वापस आने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. असम में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा, यह चुनाव असम को बचाने के लिए, असम की महिलाओं को बचाने के लिए, युवाओं को रोजगार देने के लिए और विशेष रूप से राज्य की संस्कृति को बचाने के लिए है.
कांग्रेस ने सत्ता में आने पर असम के लिए पांच 'गारंटी' दी हैं. पहला नागरिकता संशोधन अधिनियम है. कांग्रेस ने कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि सीएए असम में लागू न हो. अन्य गारंटियों में शामिल हैं - 200 यूनिट मुफ्त बिजली, गृहणियों को 2,000 रुपये प्रति माह, चाय बगान मजदूरों का न्यूनतम वेतन 365 रुपए प्रतिदिन और राज्य में पांच लाख नौकरियां पैदा करना.
कांग्रेस अपनी सार्वजनिक बैठकों में बता रही है कि पार्टी राज्य में कैसे 5 लाख सरकारी नौकरियों की गारंटी देगी, क्योंकि इससे राज्य में लोगों के लिए नए रास्ते खुलेंगे.छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी असम में भी प्रचार कर रहे हैं. वह गुजरात मॉडल का मुकाबला करने के लिए असम में अपने राज्य के मॉडल का वर्णन कर रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार पर रविवार को डिब्रूगढ़ में निशाना साधा. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि राज्य में आखिर सरकार कौन चला रहा है, सर्बानंद सोनोवाल या हेमंत बिस्वा सरमा. बघेल ने आरोप लगाया कि 'सिंडीकेट असम में सरकार चला रहे हैं, कोयला-रेत-सुपारी- गौ तस्करी सिंडिकेट राज्य में हैं, और सरकार उनकी रक्षा कर रही है.
कांग्रेस ने अब तक तीन चरण के असम विधानसभा चुनावों के लिए प्रचारकों की लिस्ट जारी की है, जिसमें पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, व अन्य शामिल हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा ने पिछले सप्ताह दो दिनों के लिए राज्य का दौरा किया था, और असम के चाय बागानों के श्रमिकों से मिलने के अलावा कुछ सार्वजनिक रैलियों को संबोधित किया था.
आने वाले दिनों में वह फिर से राज्य का दौरा करने वाली हैं. कांग्रेस ने असम में एआईयूडीएफ, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ), सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल), आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को मिलाकर एक महागठबंधन बनाया है. 126 सदस्यीय सदन के लिए चुनाव 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल को होगा. मतगणना 2 मई को होगी.
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस ने असम जीतने के लिए खेला दांव
- बीजेपी नेता जितेंद्र सिंह का कांग्रेस पर हमला
- कांग्रेस सत्ता में आई तो 5 लाख नौकरियां देगी