कांग्रेस ने गोवा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता मनोहर पर्रिकर के शपथ ग्रहण को असंवैधानिक करार दिया है। वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'शपथ ग्रहण एक मंत्रिमंडलीय कार्य है। इसका कोई संवैधानिक महत्व नहीं है। जैसे ही 48 घंटे के अंदर शक्ति परीक्षण होगा सब कुछ निरस्त हो जाएगा।'
सिंघवी ने कहा, 'अगर आप दो दिन का सुल्तान बनना चाहते हैं तो ऐसा करने के लिए आपका स्वागत है।' कांग्रेस का दावा है कि वह गोवा में सरकार बनाने में सफल रहेगी।
मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत साबित करने के लिए गुरुवार (16 मार्च) को शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई तथा न्यायमूर्ति आर. के. अग्रवाल की पीठ ने साथ ही कहा कि इसके लिए सभी आवश्यक औपचारिकताएं 15 मार्च तक पूरी कर ली जाएं, जिसमें निर्वाचन आयोग की तैयारी भी शामिल है।
गोवा विधानसभा में कांग्रेस के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा के फैसले को चुनौती दी थी, जिन्होंने सरकार गठन के लिए बीजेपी को आमंत्रित किया था।
शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की 'संयुक्त शक्ति परीक्षण' कराने की याचिका भी खारिज कर दी।
कांग्रेस ने यह मुद्दा संसद में भी उठाया और बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने मणिपुर और गोवा में जनादेश का सम्मान नहीं किया। उसने सबसे बड़ी पार्टी न होने के बावजूद सरकार बनाने का दावा पेश किया।
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Source : News Nation Bureau