पश्चिम बंगाल का राजनीतिक परिदृश्य अब बदलने लगा है. बंगाल में धीरे धीरे सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है. कुछ ही महीनों के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. लिहाजा अभी से राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. साथ ही दल-बदल की कोशिश में बैठे नेताओं पर पार्टियों नजरें गढ़ाए बैठी हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस की निगाहें ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के बागी नेताओं पर हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने टीएमसी के बागी नेताओं को पार्टी में लौटने का न्योता दिया है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जो लोग तृणमूल कांग्रेस में समस्या का सामना कर रहे हैं वे मूल कांग्रेस पार्टी में लौट आएं.
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अधीर चौधरी की यह टिप्पणी इसलिए अहम हो जाती है कि पश्चिम बंगाल की सत्ता से अरसे पहले बाहर होने वाली कांग्रेस 2021 के विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर पेज पर चौधरी ने याद दिलाया कि तृणमूल कांग्रेस का जन्म कांग्रेस पार्टी से ही हुआ है. लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता ने कहा, 'तृणमूल की कोई राजनीतिक पहचान नहीं है. अगर कोई तृणमूल में समस्या का सामना कर रहा है तो कांग्रेस पार्टी के दरवाजे उसके लिए खुले हैं.'
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दरअसल, राज्य के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी के खिलाफ बगावत का रुख अपनाया है. वह पार्टी के बैनर के बिना पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में जनसभाएं कर रहे हैं. इतना ही नहीं, सुवेंदु अधिकारी ने बीते दिन कैबिनेट की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया है. जिससे पश्चिम बंगाल के अंदर सुवेंदु अधिकारी के बगावती तेवर से राजनीति गरमा गई है. सुवेंदु अधिकारी के इसी बगावती रुख के बाद अधीर चौधरी की यह टिप्पणी आई है.