New Criminal Law: न्यू क्रिमिनल लॉ से कांग्रेस को आपत्ति, बताया जबरदस्ती
New Criminal Law: देश में आज से लागू हुए नए आपराधिक कानूनों को गर्माई सियासत, कांग्रेस नेताओं ने जताया विरोध
New Delhi:
New Criminal Law: देश में 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू किए गए हैं. इसको लेकर सियासी हलचलें तेज हो गई हैं. इस नए कानून को लेकर कांग्रेस ने विरोध जताया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन समेत अन्य नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह कानून जबरदस्त लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि सांसदों को जानबूझकर निलंबित कर इस कानून को पास कराया गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून को चलने नहीं देंगे. खड़गे ने कहा कि सांसदों की ओर से संसद में इस कानून को लेकर विरोध जताए जाने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद सरकार ने इस कानून को पास करवा लिया.
क्या बोले कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश में लागू तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर एतराज जताया है. उनका कहना है कि इन कानूनों को लागू करने से पहले आम सहमति नहीं बनी है. यही नहीं उन्होंने आरोप भी लगाया कि जब इन कानूनों को लेकर संसद में विरोध जताया है गया उन सांसदों को जानबूझकर निलंबित कर इसे पारित किया गया है. खरगे का कहना है कि कांग्रेस का इसका पूरजोर विरोध करती है और इसकी समीक्षा की मांग करती है.
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IPC, CrPC एवं एविडेंस एक्ट की जगह पर 1 जुलाई से लागू हो रहे भारतीय न्याय संहिता को व्यापक रिव्यू की आवश्यकता है। इस संहिता में बनाए गए कानून देश को एक पुलिसिया राज्य (पुलिस स्टेट) बनाने जैसे हैं। इन कानूनों को नए सांसदों द्वारा बनने वाली समिति को व्यापक समीक्षा के लिए भेजकर सभी…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 30, 2024
पुलिसिया राज्य बना देंगे ये कानून
कांग्रेस लगातार इस कानून का विरोध कर रही है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक गहलोत ने भी इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा- आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को हटाकर देश में तीन नए कानून लाग गए हैं इनकी समीक्षा की जरूरत है. उन्होंने लिखा कि इनके लागू होने से देश में पुलिसिया राज्य यानी पुलिस स्टेट बन जाएगा. ऐसे में जरूरी है कि सांसदों की ओर से बनने वाली समिति इस कानून के तहत लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए समीक्षा करे.
मनीष तिवारी ने संसद में दिया स्थगन प्रस्ताव नोटिस
वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने नए कानूनों को लागू किए जाने का विरोध जताया है.उन्होंने तुरंत इन कानूनों को रोकने की मांग की है. यही नहीं इसके साथ ही उन्होंने संसद में स्थगन प्रस्ताव नोटिस भी दिया है. उन्होंने कहा कि नए कानून देश वेलफेयर स्टेट से पुलिस स्टेट को बढ़ावा देंगे. इन कानूनों को लेकर संसद में एक बार फिर चर्चा होना चाहिए.
क्या हैं बदलाव
भारत में 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं. इनमें भारतीय साक्ष्य अधिनियम, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय न्याय संहिता प्रमुख रूप से शामिल हैं. इन कानूनों के लागू होने के साथ ही देश में बीते 163 वर्ष से चल रहे आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को खत्म कर दिया गया है. नए क्रिमिनल लॉ को लाने का मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद जैसे खतरनाक अपराधों में सजा को और ज्यादा सख्त बनाना है.
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