कांग्रेस (Congress) ने पार्टी का नया अध्यक्ष नियुक्त करने में विलंब को लेकर वरिष्ठ नेताओं पर पूर्व सांसद संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) के एक बयान को लेकर बृहस्पतिवार को उन्हें नसीहत दी कि वह और बयानबाजी करने वाले अन्य नेता ज्ञान देने की बजाय अपने क्षेत्र में ध्यान दें और इस बारे में सोचें कि वे चुनावों क्यों हारे. हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने दीक्षित के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कराया जाना चाहिए, ताकि पार्टी कैडर में ऊर्जा का नया संचार हो सके.
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दीक्षित के बयान के बारे में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'मैंने संदीप दीक्षित जी का बयान नहीं देखा है, लेकिन मैं उनके समेत सभी नेताओं से कहता हूं कि पहले वो यह देखें कि जब चुनाव लड़े तो कितना वोट आए और चुनाव क्यों हारे? इसमें मैं भी हूं. संदीप जी अगर ये सारी मेहनत अपने संसदीय क्षेत्र में लगा दें तो कांग्रेस जीत जाए.' उन्होंने कहा कि मैं इन नेताओं से कहना चाहता हूं कि पूरे देश को ज्ञान देने की बजाय अपने अपने क्षेत्र में अपने काम से फायदा उठाएं.’’
उधर, थरूर ने ट्वीट कर कहा कि संदीप दीक्षित ने जो कहा है वह देश भर में पार्टी के दर्जनों नेता निजी तौर पर कह रहे हैं. इनमें से कई नेता पार्टी में जिम्मेदार पदों पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि मैं सीडब्ल्यूसी से फिर आग्रह करता हूं कि कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करने और मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए अध्यक्ष का चुनाव कराएं.
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दरअसल, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा कि इतने महीनों के बाद भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नया अध्यक्ष नहीं नियुक्त कर सके. इसका कारण यह है कि वह सब यह सोच कर डरते हैं कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे. पूर्व सांसद दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस के पास नेताओं की कमी नहीं है. अब भी कांग्रेस में कम से कम 6- 8 नेता हैं जो अध्यक्ष बन कर पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कभी-कभार आप निष्क्रियता चाहते हैं, क्योंकि आप नहीं चाहते हैं कि कुछ हो.
Source : Bhasha